हरियाणा के 2.75 लाख सैनिक देश की सीमाओं पर डटे, कारगिल युद्ध में दिया था अहम योगदान
चंडीगढ़ :- जब बात देश की सीमाओं की सुरक्षा की आती है, तो हरियाणा के बेटे हमेशा आगे खड़े नजर आते हैं। भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना—तीनों में हरियाणा का योगदान उल्लेखनीय है। यही वजह है कि राज्य को “वीरों की धरती” के नाम से जाना जाता है। कारगिल युद्ध हो या 1965 और 1971 का भारत-पाक युद्ध, हर बार हरियाणा के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है। कारगिल युद्ध में तो हरियाणा के 75 सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

पूर्व सैन्य अधिकारी और हरियाणा सैनिक प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष कर्नल (सेवानिवृत्त) आरएस सुहाग के मुताबिक, आज भी करीब 2.75 लाख जवान हरियाणा से भारतीय सेना में सक्रिय सेवा में हैं। इसके अलावा, करीब तीन लाख रिटायर्ड फौजी हरियाणा में रहते हैं जो अब भी देशसेवा की भावना से ओतप्रोत हैं।
वायुसेना से रिटायर्ड अफसर नरेश खोखर और नौसेना से सेवानिवृत्त मनोज (झज्जर निवासी) का कहना है कि फौज से रिटायर होने के बाद भी सैनिकों का जज्बा कम नहीं होता। उनके अंदर देशभक्ति का ज्वाला हमेशा जलती रहती है, जो हर परिस्थिति में राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार रहते हैं।