हरियाणा में मजदूरी कॉपी वालो के लिए आई बुरी खबर, मंत्री अनिल विज ने दिए एक महीने में जाँच के आदेश
चंडीगढ़ :- हरियाणा से कंस्ट्रक्शन श्रमिकों के वेरिफिकेशन में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, श्रम विभाग के दो अधिकारियों पर मिलकर करीब 1.90 लाख श्रमिकों का फर्जी वेरिफिकेशन करने का आरोप लगा है। यह मामला जब राज्य के गृह और परिवहन मंत्री अनिल विज के संज्ञान में आया तो उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए मामले की गहराई से जांच के आदेश दिए।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी करेगी जांच
अनिल विज ने इस घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। विज ने कहा कि कमेटी को जांच पूरी करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कमेटी में शामिल सदस्य:
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सुनील ढिल्लो (यूनियन प्रतिनिधि)
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भूपेंद्र शर्मा (नियोक्ता प्रतिनिधि)
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ए.के. देशवाल (संयुक्त सचिव, विभागीय प्रतिनिधि)
ब्लॉक स्तर पर हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश
मंत्री अनिल विज ने सभी ब्लॉक स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं, जिससे मजदूरों की शिकायतों की सही तरीके से सुनवाई हो सके। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कॉल सेंटर और हेल्प डेस्क अलग-अलग हों।
क्षेत्रीय कॉल सेंटर भी चालू
विज ने बताया कि पंचकूला, हिसार और सोनीपत में पहले ही क्षेत्रीय कॉल सेंटर शुरू किए जा चुके हैं ताकि श्रमिकों को सीधे सहायता मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने बोर्ड को पिछली बैठकों में लिए गए निर्णयों की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस अहम बैठक में सामाजिक न्याय मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन, श्रम आयुक्त मनीराम शर्मा, बोर्ड चेयरमैन समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह मामला सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है, लेकिन मंत्री अनिल विज के सख्त रुख और त्वरित कार्रवाई से यह संकेत भी मिला है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।