नई दिल्ली
गेहूं की नई फसल आने से पहले किसानों पर टुटा दुखों का पहाड़, 650 रुपये गिरा भाव
नई दिल्ली :- गेहूं की फसल कटने की अभी ठीक से शुरुआत भी नहीं हो पाई है और उसकी कीमत में तेजी से गिरावट आने लगी। पिछले एक पखवारे के भीतर गेहूं की कीमत में 650 रुपये क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। होलिका दहन के ठीक पहले 12 मार्च को थोक बाजार में गेहूं 3100 रुपये क्विंटल था। फुटकर बाजार में इसी समय कीमत 3300 रुपये क्विंटल तक पहुंच चुकी थी और आटा फुटकर बाजार 36 रुपये किलो था। शनिवार को नौबस्ता गल्ला मंडी में गेहूं 2,450 रुपये क्विंटल पर बिका, वहीं बिल्हौर, घाटमपुर, महाराजपुर की प्राथमिक मंडियों में यह 2,400 रुपये क्विंटल रहा। हालांकि इसकी मात्रा बहुत ही कम है और नमी भी है। इसलिए क्रय केंद्रों में यह नहीं ले जाया जा रहा है। होलिका दहन के एक दिन पहले नौबस्ता गल्ला मंडी में 3,100 रुपये क्विंटल बिक रहा गेहूं गंगा मेला के बाद 21 मार्च को जब बाजार खुला तो इसकी कीमत 2,900 रुपये क्विंटल हो गई थी। इस बीच बाजार 200 रुपये क्विंटल गिर चुका था।

पिछले 24 घंटे में 100 रुपये भाव गिरा
इसके बाद पिछले आठ दिन में नौबस्ता गल्ला मंडी में कीमत बहुत तेजी से गिरी। 2,900 रुपये क्विंटल से गेहूं 2,450 रुपये क्विंटल पर आ गया। पिछले 24 घंटे में 100 रुपये भाव गिर गया। सामान्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्र की प्राथमिक मंडियां नौबस्ता गल्ला मंडी से भी 50 रुपये नीचे रहती हैं। इसलिए शनिवार को प्राथमिक मंडियों में कीमत 2,400 रुपये क्विंटल रही।
क्यों गिर रहीं गेहूं की कीमतें?
गेहूं कारोबारियों के मुताबिक कीमतें इतनी तेजी से इसलिए गिर रही हैं क्योंकि जिस समय कीमतें बढ़ी हुई थीं, कारोबारी गेहूं स्टाक किए हुए थे और अब जब गेहूं का उत्पादन अच्छा होने की बात आ रही है और गेहूं की कटाई शुरू हो गई है, बड़े कारोबारियों ने पुराना स्टाक बाजार में उतार दिया है। गेहूं का समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल है लेकिन बाजार में सीधे नकद भुगतान मिलने की वजह से यदि 2,350 रुपये तक भी गेहूं हुआ तो क्रय केंद्रों पर इनका जाना मुश्किल है क्योंकि वहां जांच भी होती हैं और नकद भुगतान भी नहीं मिलता।
भारत सरकार ने 31 मार्च तक गेहूं के स्टाक की सीमा 250 टन की हुई है। इसके बाद एक अप्रैल से व्यापारियों और उद्यमियों को प्रत्येक शुक्रवार को आनलाइन अपना स्टाक बताना होगा। इसकी वजह से भी गेहूं की कीमतें तेजी से घट रही हैं। मध्य अप्रैल के बाद गेहूं पूरी तरह सूख जाएगा, तब बाजार में इसका आना तेज हो जाएगा। ज्ञानेश मिश्र, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय कृषि उत्पाद उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल।