गेहूं के दाम में बड़ी छलांग! मंडियों में 6000 रुपये क्विंटल तक पहुंचा भाव, किसानों के चेहरे खिले
नई दिल्ली :- आम इंसान के लिए थाली की रोटी अब पहले जितनी सस्ती नहीं रही। देश में बढ़ती महंगाई और कम उत्पादन के कारण गेहूं के दाम (Wheat Price Today) बेकाबू हो गए हैं। महाराष्ट्र की कई प्रमुख मंडियों में गेहूं के दाम सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से दोगुने तक पहुंच गए हैं। इस बढ़ोतरी ने सीधे तौर पर घर-घर के राशन बजट को झटका दिया है।

गेहूं का थोक भाव 6000 रुपये पार
मुंबई की मंडी में गेहूं का अधिकतम रेट 6020 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया है, जबकि सरकार का MSP सिर्फ ₹2275 है। यानी बाजार भाव 60% से ज्यादा बढ़ चुका है। अगर यही रफ्तार बनी रही तो रोटी की कीमत में भी इजाफा तय है।
कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे की वजहें
✅ कम उत्पादन:
महाराष्ट्र देश का केवल 2% गेहूं उत्पादन करता है। सप्लाई कम है, मांग ज्यादा — यही वजह है कि मंडियों में दाम उछल रहे हैं।
✅ तेज़ गर्मी और मौसम का असर:
फसल कटाई के समय खराब मौसम ने पैदावार को प्रभावित किया है। इससे गेहूं की उपलब्धता कम हो गई है।
✅ संग्रहण और जमाखोरी की आशंका:
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ व्यापारी स्टॉक जमा कर रहे हैं, जिससे बाजार में गेहूं की उपलब्धता और घट रही है।
मंडीवार गेहूं के ताज़ा रेट्स (₹ प्रति क्विंटल)
मंडी का नाम | गेहूं की आवक | न्यूनतम रेट | अधिकतम रेट |
---|---|---|---|
मुंबई | 6706 क्विंटल | ₹2810 | ₹6020 |
नागपुर | 100 क्विंटल | ₹2750 | ₹3050 |
छत्रपति संभाजीनगर | 5 क्विंटल | ₹3000 | ₹3200 |
अमलनेर | 15 क्विंटल | ₹2710 | ₹3520 |
वर्धा | 34 क्विंटल | ₹2860 | ₹2920 |
खामगांव | 61 क्विंटल | ₹2680 | ₹2810 |
मलकापुर | 115 क्विंटल | ₹2680 | ₹3010 |
सतना (MP) | 12 क्विंटल | ₹2000 | ₹3400 |
बाजार पर असर: आटा और बेकरी उत्पाद भी महंगे
विशेषज्ञों के अनुसार अगर गेहूं की कीमतें कंट्रोल में नहीं आईं, तो आटा, मैदा, बिस्किट, ब्रेड जैसी जरूरी चीजों के दामों में भी तेजी आ सकती है। इससे मध्यम और निम्न वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ी
मुंबई की गृहिणी रेखा शर्मा कहती हैं,
“पहले 50 किलो गेहूं पीसवा लेते थे, अब 20 किलो ही मुश्किल से ले पा रहे हैं। आटा महंगा हुआ है, ऊपर से बिजली-पानी का खर्च अलग।”
सरकार क्या कर रही है?
सरकार ने कुछ राज्यों में गेहूं की बिक्री के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत एफसीआई से स्टॉक निकालने का प्रयास शुरू किया है। लेकिन फिलहाल बाजार पर इसका असर दिखना बाकी है।