हरियाणा में किसानों को डबल इंजन सरकार की बड़ी सौगात, अब मिलेगी 6718 करोड़ की सब्सिडी
चंडीगढ़ :- हरियाणा (Haryana) उत्तर भारत का एक तेजी से विकसित होता राज्य है जो अपनी मजबूत कृषि व्यवस्था औद्योगिक ग्रोथ और सामाजिक योजनाओं के लिए जाना जाता है। यहाँ के किसान देशभर में अनाज उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाते हैं और राज्य सरकार समय-समय पर किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं भी चलाती रही है। वहीं शहरीकरण की रफ्तार भी यहां तेज है जिससे बिजली और अन्य बुनियादी सेवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है। इसी बीच हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में बिजली दरों (Electricity Rates in Haryana) में बढ़ोतरी की घोषणा की है जिसने आम लोगों से लेकर उद्योगपतियों तक को चिंता में डाल दिया है।
बिजली दरों में हुआ बड़ा बदलाव
हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि अब राज्य में ट्यूबवेल (TubeWell Connection) के लिए बिजली की दर 6 रुपये 48 पैसे से बढ़ाकर 7 रुपये 35 पैसे प्रति यूनिट कर दी गई है। ये फैसला ऐसे समय में आया है जब पहले से ही आम जनता महंगाई की मार झेल रही है। इस बढ़ोतरी से करीब 81 लाख परिवारों पर सीधा असर पड़ने की संभावना है। आम लोग और छोटे कारोबारियों के लिए यह दरें बिजली के खर्च को लेकर चिंता बढ़ा रही हैं।
किसानों को मिली बड़ी राहत
हालांकि सरकार ने किसानों के लिए इस बढ़ोतरी को लेकर एक खास राहत पैकेज (Subsidy Package for Farmers) का ऐलान भी किया है। हरियाणा में अब किसानों को बिजली की बढ़ी हुई दरों का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि सरकार ने उन्हें 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली देने की योजना बनाई है। यानी ट्यूबवेल से जुड़ी बिजली के लिए किसान केवल 10 पैसे प्रति यूनिट भरेंगे और बाकी 7 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट की भरपाई सरकार खुद बिजली निगमों को सब्सिडी (Subsidy on Electricity) के रूप में करेगी। सरकार का दावा है कि इस योजना से किसानों को हर साल लगभग 6718 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। यह कदम खास तौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो सिंचाई के लिए ट्यूबवेल पर निर्भर हैं।
बढ़ी बिजली दरों की वजह
राज्य सरकार के अनुसार बिजली दरों में यह बढ़ोतरी इसलिए की गई है क्योंकि बिजली उत्पादन की लागत (Power Generation Cost) में भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही बिजली की खरीद (Power Purchase Cost) महंगी हो गई है जिससे बिजली बोर्ड पर वित्तीय दबाव बढ़ा है। बढ़ती लागत के कारण सरकार के पास बिजली की दरों को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
आम जनता पर असर
बिजली की बढ़ती दरों का असर सिर्फ किसानों तक सीमित नहीं रहेगा। शहरी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आम नागरिकों को अब ज्यादा बिजली बिल (Electricity Bill) चुकाना पड़ेगा। वहीं छोटे व्यापारी और उद्योगपति भी इस बढ़ोतरी से प्रभावित होंगे क्योंकि उनकी उत्पादन लागत बढ़ेगी। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह कदम जेब पर बोझ बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
छोटे उद्योगों पर संकट
हरियाणा के कई जिलों में छोटे और मझोले उद्योग (MSME Sector) चल रहे हैं जो पहले ही महंगाई और प्रतिस्पर्धा से जूझ रहे हैं। अब बिजली दरों की यह बढ़ोतरी उनके लिए अतिरिक्त संकट लेकर आ सकती है। अगर यह दरें जल्द कम नहीं की गईं तो इन उद्योगों को उत्पादन कम करना पड़ सकता है या फिर लागत बढ़ने के कारण उत्पादों के दाम बढ़ाने पड़ेंगे जिसका सीधा असर कंज्यूमर पर पड़ेगा।