मंडी भाव

Sarso Mandi Bhav: बरसात और ओलावृष्टि से किसानों पर पड़ी दोहरी मार, गुणवत्ता कम होने से मिल रहे कम दाम

रेवाड़ी :- बरसात और ओलावृष्टि की मार से परेशान किसानों को जों फ़सल सुरक्षित बची है उसके मंडियों में भी समुचित दाम मिलने के आसार ज्यादा नहीं दिख रहे हैं. बारिश और ओलावृष्टि के बाद निकलने वाली फसलों की गुणवत्ता अच्छी नहीं होगी, इसीलिए मंडियों में इन फसलों को खरीदा नहीं जाएगा. ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे किसानों पर दोहरी मार होने वाली है. लग रहा है कि फसल उत्पादन में 30 से 50 फ़ीसदी कमी होगी.

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दोनों फसल अच्छी होने का था अनुमान

जिले के किसानों ने करीबन 76 हजार हेक्टेयर जमीन पर सरसों और 37 हजार हैक्टेयर जमीन पर गेहूं की बुवाई की हुई है. अच्छी फसल होने पर कृषि विभाग गेहूं का औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर 45 क्विंटल और सरसों का प्रति हेक्टेयर 23 क्विंटल मानता है. इस बार मौसम के अनुसार  दोनों ही फसलों का उत्पादन अच्छा होने की संभावना बनी हुई थी. गेहूं की फसल कटाई का काम शुरू होने से पहले बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है.  पहले आधे से ज्यादा किसान अपनी सरसों की फसल काट चुके थे लेकिन गेहूं की कटाई अभी शुरू नहीं हो पाई थी.

 बारिश के कारण झड़ गए दाने 

कई क्षेत्रों में हुई भारी बारिश और ओले गिरने से तैयार खड़ी फसल चढ़कर जमीन पर गिर चुकी है. सरसों के दाने पढ़कर बिल्कुल तैयार है लेकिन बारिश के कारण वह फलियों से निकलकर जमीन पर बिखर गए हैं. गेहूं भी कटने के लिए बिल्कुल तैयार है लेकिन बारिश के कारण वह भी झड़ गए. जमीन पर गिरे हुए गेहूं पकाव के नजदीक होने की वजह से फिर से खड़े नहीं हो सकते. गेहूं को जो दाना जमीन में गिराउसका पूरी तरह से विकास नहीं हो पाएगा, जिससे इसके उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ेगा. जिन किसानों ने सरसों की कटाई कर ली थी, उनकी फसल को ओलो या बारिश से ज्यादा हानि नहीं होगी.

Production हो सकता है आधा

कई इलाकों के किसानों का दावा है कि ओलावृष्टि से उनकी फसलों को 100 फीसदी तक हानि हुई है.  कृषि विभाग का कहना है कि Overall 30 से 50 फीसदी नुकसान हुआ है. अभी नुकसान की फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है. इन फसलों को औसतम 50 फीसदी तक नुकसान होने की स्थिति में गेहूं का उत्पादन जिले में 16.65 हजार टन पर और सरसों का उत्पादन 16 हजार टन के आसपास सिमटकर रह जाएगा. पहले काटी जा चुकी फसल के सुरक्षित रहने के कारण सरसों का उत्पादन कुछ ज्यादा हो सकता है, किन्तु गेहूं उत्पादन में भारी कमी की संभावना लग रही है. प्रकृति की मार झेल रहे किसानों को फसल निकालने के बाद उसे मंडियों में बेचते समय भी परेशानी हो सकती है. जैसा कि आप सभी जानते हैं सरसों के दाने में बरसात और ओलावृष्टि के बाद गुणवत्ता में कमी आ जाती है.  भीगने के बाद सूखी सरसों में तेल की मात्रा भी कम रह जाती है.

 बारिश के कारण गेहूं हो गया है दागी 

दाने का रंग बदलने से इसकी पहचान सरलता से हो जाती है. मिलर्स और आढ़ती ऐसी सरसों को कम दाम पर खरीदते हैं.  गेहूं का दाना भी वर्षा और ओलावृष्टि के बाद कमजोर पड़ जाता है.  जोरदार बरसात के कारण गेहूं दागी हो जाता है, जिसके खरीदने की संभावना कम हो जाती है.  ऐसे में किसानों को मंडियों में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. अनाजमंडी में अभी रोजाना दो से ढाई हजार कट्टे सरसों की आवक हो रही है. यह वह सरसों है, जो ओले आने से पहले काटी जा चुकी थी.  सरसों में नमी की मात्रा 20 फीसदी तक होने के कारण हैफेड ने सरकारी खरीद शुरू नहीं की है. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

बाजार भाव और एमएसपी लगभग एक समान 

ओलावृष्टि से नुकसान के बाद सरसों के दाम 200 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़े हैं. सरसों 53 सौ रुपए प्रति क्विंटल तक Sale हो रही है. इसके MSP तक पहुंचने के आसार हैं. गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)  2125 रुपए प्रति क्विंटल है.  इसके बाजार भाव भी लगभग यही हैं, जिस कारण इस बार एमएसपी पर गेहूं ज्यादा खरीदा जा सकता है.

किसानों को होगी दोहरी समस्या 

व्यापार मंडल के प्रधान राधेश्याम का कहना है कि किसानों को एक तरफ से खेतों में बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर मंडियों में बारिश से भीगी हुई फसलों के पूरे दाम भी नहीं मिल रहे हैं. फसलें दागी हो चुकी हैं इसलिए उन्हें खरीदने वाले बहुत कम है. इसीलिए किसानों को इन फसलों को बेचने में परेशानी हो रही है.  दाम भी पूरे नहीं मिल पाएंगे। दागी हो चुकी फसलों के खरीददार कम होते हैं, जिस कारण किसानों को ऐसी फसल बेचने में परेशानी हो रही है.

 मंडी में आ रही नमी युक्त सरसों 

मंडी व्यापारी मनोज कुमार का कहना है कि अभी मंडियों में सरसों की आवक ज्यादा नहीं है. नमीयुक्त सरसों ज्यादा आ रही है. ओलावृष्टि के बाद कम उत्पादन को देखते हुए रेटों में 2 सौ रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ोतरी हुई है. आवक बढ़ने के बाद संभावना जताई जा रही है कि बाजार भाव MSP के समीप पहुंच जाएगा.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

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