हरियाणा सरकार ने फैमिली ID पर लिया तगड़ा एक्शन, अब खानी पड सकती है जेल की हवा
चंडीगढ़ :- हरियाणा में फैमिली आईडी यानी परिवार पहचान पत्र में गलत जानकारी दर्ज कराकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार ने कहा है कि ऐसे फर्जी गरीब लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पिछले 1 महीने में राज्य में 1609 परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी से हटा दिया गया है। सरकार ने फर्जी गरीब परिवारों को 20 अप्रैल तक का अल्टीमेटम भी दिया है।

3 साल तक की हो सकती है जेल
राज्य सरकार ने ऐसे फर्जी गरीब लोगों से कहा है कि वे खुद ही बीपीएल श्रेणी छोड़ दें। अगर सरकार उन्हें पकड़ती है तो उन्हें हटाने के साथ ही धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज किया जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ भारतीय न्यास संहिता (बीएनएस) की धारा 318 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उन्हें 3 साल तक की कैद हो सकती है। इस बारे में मोबाइल पर मैसेज भी भेजे जा रहे हैं। दरअसल, विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस ने फर्जी बीपीएल परिवारों का मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 51 लाख 96 हजार 380 परिवार बीपीएल श्रेणी में शामिल हैं।
धोखाधड़ी के दो तरीके
राज्य सरकार द्वारा बीपीएल कार्ड का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को दिया जाता है, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए से कम है। सरकार को संदेह है कि इससे अधिक आय होने के बावजूद कई परिवारों ने कम आय दर्ज करवाकर यह कार्ड बनवा लिया। सरकार को यह भी संदेह है कि कई परिवारों की पारिवारिक आय 1.80 लाख रुपए से अधिक है। लेकिन, बीपीएल कार्ड के लिए उन्होंने परिवार का फर्जी बंटवारा कर दिया। अब वे एक साथ रहते हैं, लेकिन बीपीएल परिवार कागजों में खुद को अलग-अलग दिखाकर लाभ उठा रहे हैं।
कानूनी कार्रवाई की जाएगी
इस संबंध में सरकार की ओर से बीपीएल परिवारों को संदेश भेजे जा रहे हैं, जिसमें उन्हें 20 अप्रैल तक का समय दिया गया है। कहा गया है कि वे स्वयं ही फैमिली आईडी में अपना सही विवरण दर्ज करवाएं और बीपीएल श्रेणी से बाहर निकल जाएं। अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और अर्जित लाभ की वसूली की जाएगी।