Haryana News: अब वीटा से हरियाणा के युवाओं को मिलेगा रोजगार, इन 7 जिलों में खुलेंगे 158 नए वीटा बूथ
भिवानी :- हरियाणा में युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक नई पहल की जा रही है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने जानकारी दी है कि राज्य सरकार डेयरी फेडरेशन के तहत 10 विभागों में वीटा बूथ स्थापित करने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। इस योजना के तहत रोहतक वीटा प्लांट की सीमा में आने वाले 7 जिलों में 158 नए वीटा बूथ स्थापित किए जाएंगे। डॉ. शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी चिन्हित स्थानों पर जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि वीटा के उत्पाद आसानी से लोगों तक पहुंच सकें। उनका मानना है कि इससे न केवल वीटा ब्रांड को मजबूती मिलेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

वीटा बूथों पर सफाई और निगरानी को लेकर सख्त निर्देश
शुक्रवार को रोहतक में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के बाद सहकारिता मंत्री ने गोहाना रोड स्थित वीटा मिल्क प्लांट का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्लांट के सीईओ जयवीर यादव को 2 लाख लीटर दूध संकलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए। मंत्री ने सात जिलों – रोहतक, सोनीपत, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और चरखी दादरी में चल रहे 155 बूथों की निगरानी को और सख्त करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सभी बूथों पर स्वच्छता बनाए रखना अनिवार्य है और केवल डेयरी फेडरेशन द्वारा निर्धारित वीटा उत्पाद ही बेचे जाएं। यदि कोई संचालक अन्य कंपनियों के उत्पाद बेचते हुए पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घेवर की बिक्री भी होगी शुरू
निरीक्षण के दौरान डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि वीटा प्लांट की लस्सी और दही की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि प्लांट की सफलता को देखते हुए अब मानसून सीजन में घेवर जैसे पारंपरिक मिठाई को भी उत्पाद सूची में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही, रोहतक शहर में बेहतर लोकेशनों की पहचान कर वहां नए वीटा बूथ खोलने की योजना पर भी काम चल रहा है। उन्होंने सभी कर्मचारियों से अपील की कि वे सहकारी भावना से काम करें और अपने कार्य के प्रति ईमानदारी बनाए रखें, ताकि वीटा ब्रांड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को गुणवत्ता वाले उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध हों। इस पूरी पहल का उद्देश्य न सिर्फ लोगों को स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध कराना है, बल्कि युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी है।