बैंक ग्राहकों के लिए आई जरूरी अलर्ट, आपका खाता भी होगा प्रभावित
नई दिल्ली :- भारतीय बैंकिंग प्रणाली में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं, जो ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।अप्रैल 2025 से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ, कई नए नियम लागू होने जा रहे हैं जो सीधे तौर पर बैंक खाता धारकों को प्रभावित करेंगे। इन नियमों में एटीएम से पैसे निकालने की प्रक्रिया, न्यूनतम बैलेंस, यूपीआई ट्रांजैक्शन और TDS जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं। इस लेख में हम इन नए नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आप इन बदलावों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें और किसी भी प्रकार की परेशानी से बच सकें।
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नियम | विवरण |
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न्यूनतम बैलेंस | विभिन्न बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा बढ़ाई जाएगी। |
ATM निकासी शुल्क | दूसरे बैंकों के एटीएम से निकासी की संख्या कम होगी। |
UPI ट्रांजैक्शन | UPI लेनदेन पर कुछ नई शर्तें लागू होंगी। |
TDS नियम | बैंक खाते में जमा राशि पर TDS कटौती के नियम बदलेंगे। |
डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा | डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित बनाने के लिए नए उपाय लागू होंगे। |
चेक पेमेंट सिस्टम | चेक पेमेंट्स के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य होगा। |
अप्रैल 2025 से, कई बैंकों ने अपने सेविंग अकाउंट्स के लिए न्यूनतम बैलेंस की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
- शहरी क्षेत्रों में:
न्यूनतम बैलेंस ₹3000 से बढ़ाकर ₹5000 किया जा सकता है। - अर्ध-शहरी क्षेत्रों में:
यह राशि ₹2000 से बढ़कर ₹3000 हो सकती है। - ग्रामीण क्षेत्रों में:
न्यूनतम बैलेंस ₹1000 से बढ़कर ₹1500 हो सकता है।
यह बदलाव ग्राहकों को अपने खातों में अधिक राशि रखने के लिए प्रेरित करेगा।
बैंकिंग नियमों में बदलाव के साथ, ATM निकासी पर भी प्रभाव पड़ेगा।
- अब ग्राहक दूसरे बैंकों के ATM से केवल तीन बार ही मुफ्त निकासी कर सकेंगे।
- इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर ₹20 से ₹25 तक का शुल्क लगेगा।
यह बदलाव ग्राहकों को अपने ATM उपयोग की योजना बनाने के लिए प्रेरित करेगा।
UPI (Unified Payments Interface) भारत में डिजिटल लेनदेन का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है।
- कुछ बैंकों ने UPI ट्रांजैक्शन पर सीमाएँ निर्धारित की हैं।
- बड़े लेनदेन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
बैंक खाते में जमा राशि पर TDS (Tax Deducted at Source) की कटौती भी एक महत्वपूर्ण विषय है।
- यदि आपके खाते में एक वित्तीय वर्ष में ₹40,000 से अधिक ब्याज अर्जित होता है, तो उस पर TDS कटौती होगी।
- इसके लिए आपको अपने पैन कार्ड की जानकारी बैंक को देनी होगी।
डिजिटल बैंकिंग को सुरक्षित बनाने के लिए कई नए उपाय लागू किए जा रहे हैं।
- ग्राहकों को अपने ऑनलाइन लेनदेन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने होंगे।
- OTP (One Time Password) और दो-चरणीय प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा।
चेक पेमेंट्स को सुरक्षित बनाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू किया जाएगा।
- ₹50,000 या उससे अधिक की चेक पेमेंट्स के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
- यह प्रणाली धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगी।
इन नए नियमों का प्रभाव सीधे तौर पर आपके बैंकिंग अनुभव पर पड़ेगा।
- अपने खाते में हमेशा पर्याप्त बैलेंस रखें।
- ATM निकासी की सीमा का ध्यान रखें।
- डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का अधिक उपयोग करें।
- अपने KYC विवरण को समय पर अपडेट करें।
- बड़े लेनदेन के लिए चेक का उपयोग करें।
- बैंक के नए कार्य समय के अनुसार अपनी योजना बनाएं।
अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए बैंकिंग नियम भारतीय बैंकिंग प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाने का प्रयास हैं। हालांकि शुरुआत में ग्राहकों को कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन लंबे समय में ये बदलाव बैंकिंग अनुभव को बेहतर बनाएंगे। ग्राहकों को इन नए नियमों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपनी बैंकिंग आदतों को इनके अनुरूप ढालना चाहिए।