इस प्रकार बिना खर्च सालों तक गेहूं रखे सुरक्षित, बहुत ही आसान है तरीका
नई दिल्ली :- गांवों में कटाई के बाद गेहूं और धान जैसे अनाजों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए घरों में पारंपरिक भंडारण का तरीका अपनाया जाता है। आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में इसे ‘डेहरी’ कहा जाता है, जिसे प्लास्टिक शीट से ढककर पूरी तरह से सील कर दिया जाता है। जबकि शहरी क्षेत्रों में लोग स्टोरेज के लिए बड़े प्लास्टिक ड्रम का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, कुछ समय बाद अक्सर ड्रम या डेहरी में रखा अनाज घुन या कीड़ों की चपेट में आ जाता है, जिससे पूरा अनाज खराब हो सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आज हम आपको बताएंगे भंडारण की एक ऐसी तकनीक, जिसे अपनाकर आप अपने अनाज को सालों तक सुरक्षित रख सकते हैं।
अनाज में कीड़े क्यों लगते हैं?
कृषि और मेडिसिनल प्लांट एक्सपर्ट शुभम शरण श्रीवास्तव के मुताबिक, अनाज में कीड़े लगने का सबसे बड़ा कारण है हवा का प्रवेश या 10% से ज्यादा नमी का मौजूद होना। यदि आप भंडारण करते वक्त इन दो बातों का ध्यान रख लें, तो कीड़ों की आशंका न के बराबर हो जाती है।
गांव और शहर दोनों के लिए आसान उपाय
गांवों में यदि आप अनाज स्टोर करना चाहते हैं, तो सबसे पहले डेहरी को अच्छी तरह से साफ करें और उसके अंदर एक प्लास्टिक की परत बिछाएं। अब इस प्लास्टिक में सूखा अनाज भरें और ऊपर से इसे पूरी तरह से बांध दें ताकि अंदर हवा न जा सके। शहरी इलाकों में, ड्रम को पहले अच्छी तरह धोकर सुखा लें। उसके बाद इसके अंदर प्लास्टिक शीट डालें और फिर अनाज भरें। साथ ही, इस अनाज में कुछ नीम की सूखी पत्तियां और माचिस की तिल्लियां भी डालें।
क्यों असरदार है यह तरीका?
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माचिस की तिल्लियों में मौजूद फॉस्फोरस की गंध कीड़ों को दूर रखती है।
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नीम की पत्तियों में प्राकृतिक कीटनाशक गुण होते हैं, जो फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं।
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सबसे जरूरी बात – अनाज को भंडारण से पहले अच्छी तरह धूप में सुखा लेना चाहिए, ताकि नमी पूरी तरह निकल जाए।