अब बल्लभगढ़ से पाली तक बनेगा एलिवेटेड रोड, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
फरीदाबाद :- हरियाणा के फरीदाबाद जिले में यातायात को सुगम बनाने के लिए एक नया एलिवेटेड रोड बनाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। यह प्रस्तावित सड़क बल्लभगढ़ से शुरू होकर पाली तक जाएगी और इसकी कुल लंबाई करीब 10 किलोमीटर होगी। इस परियोजना से गुरुग्राम-सोहना रोड से जुड़ने वाले यात्रियों को खासा लाभ मिलेगा, जो रोजाना ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझते हैं। परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जानी है, जिसके लिए एक अनुभवी सलाहकार एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। गुरुग्राम लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस संबंध में मुख्यालय को पत्र लिखकर सलाहकार एजेंसी की नियुक्ति की अनुमति मांगी है। अनुमति मिलते ही रोड निर्माण के लिए सर्वेक्षण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। पहले इस परियोजना की जिम्मेदारी फरीदाबाद PWD के पास थी, लेकिन अब इसे गुरुग्राम PWD को सौंपा गया है। अधिकारियों का कहना है कि परियोजना के तहत जो भी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, वह समयबद्ध और गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप होगी।

हर दिन 50 हजार से अधिक वाहनों का दबाव
गौरतलब है कि बल्लभगढ़ से पाली तक का रास्ता गुरुग्राम-सोहना मार्ग को जोड़ता है, जिससे प्रतिदिन करीब 50,000 वाहन गुजरते हैं। इस क्षेत्र में हाल के वर्षों में कई रिहायशी कॉलोनियों के बसने से ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। सुबह और शाम के वक्त लंबा ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है, जिससे यात्रियों का समय और ईंधन दोनों बर्बाद होता है। इसके अलावा, सरूरपुर और गाजीपुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र भी इस मार्ग के पास स्थित हैं, जिससे दिनभर भारी वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में एलिवेटेड रोड का निर्माण होने से ट्रैफिक जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी।
डीपीआर में होंगी अहम जानकारियां शामिल
इस परियोजना की डीपीआर में रोड निर्माण से जुड़ी तमाम जानकारियों को शामिल किया जाएगा। इसमें ट्रैफिक फ्लो, जमीन की उपलब्धता, लागत का अनुमान, पर्यावरणीय प्रभाव और तकनीकी चुनौतियों जैसे पहलुओं पर गहराई से अध्ययन किया जाएगा। इसके साथ ही एलिवेटेड रोड पर कहां-कहां से चढ़ाव और उतराव होगा, इसका भी स्पष्ट निर्धारण इसी रिपोर्ट में किया जाएगा। PWD के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि जैसे ही सलाहकार एजेंसी नियुक्त होगी, कुछ महीनों में डीपीआर तैयार हो जाएगा। इसके बाद परियोजना का नक्शा और क्रियान्वयन योजना बनाई जाएगी।