RBI का नया कदम: CIBIL Score के लिए लागू किए गए 6 नए नियम, लोन पाना होगा और आसान
नई दिल्ली :- अगर आप भविष्य में किसी भी प्रकार का लोन लेने की सोच रहे हैं—चाहे वह होम लोन हो, पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड—तो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा 1 जनवरी 2025 से लागू किए गए क्रेडिट स्कोर सुधार से जुड़े नए दिशा-निर्देश आपके लिए बेहद अहम हैं।
RBI ने ग्राहकों की पारदर्शिता, सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए कुल 6 बड़े बदलाव किए हैं, जो हर उधारकर्ता को जानना ज़रूरी है। आइए जानते हैं इन नए नियमों की पूरी डिटेल:
1. अब हर 15 दिन में मिलेगा रिफ्रेश्ड क्रेडिट स्कोर
अब तक ग्राहकों को अपने सिबिल स्कोर में बदलाव देखने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन नए नियमों के मुताबिक अब हर 15 दिनों में आपका क्रेडिट स्कोर अपडेट होगा, जिससे आप समय-समय पर अपने स्कोर में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी कर सकेंगे।
2. स्कोर चेक होते ही मिलेगा SMS या ईमेल अलर्ट
अगर कोई बैंक, एनबीएफसी या अन्य वित्तीय संस्था आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करती है, तो आपको तुरंत इसकी सूचना SMS या ईमेल के माध्यम से दी जाएगी। इससे यह स्पष्ट होगा कि कौन आपकी क्रेडिट जानकारी एक्सेस कर रहा है।
3. साल में एक बार मुफ्त में देख सकेंगे अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट
RBI के निर्देश के अनुसार, अब हर व्यक्ति को वर्ष में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देखने की सुविधा बिना किसी शुल्क के मिलेगी। इसके लिए क्रेडिट ब्यूरो को अपनी वेबसाइट पर यूजर-फ्रेंडली लिंक उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
4. 30 दिनों में शिकायत का निपटारा जरूरी, वरना जुर्माना
यदि किसी ग्राहक की क्रेडिट स्कोर से जुड़ी शिकायत 30 दिनों के अंदर हल नहीं की जाती है, तो उस पर ₹100 प्रतिदिन की दर से जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, अगर बैंक 21 दिनों में जरूरी जानकारी क्रेडिट एजेंसी को नहीं देता, तो उस पर भी कार्रवाई होगी।
5. डिफॉल्ट से पहले मिलेगी अग्रिम चेतावनी
अगर बैंक को यह लगता है कि ग्राहक द्वारा लिए गए लोन में डिफॉल्ट की संभावना है, तो उसे पूर्व सूचना देना जरूरी होगा। ग्राहक को SMS या ईमेल के ज़रिए अलर्ट भेजा जाएगा, जिससे समय रहते सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
6. स्कोर की सुरक्षा और पारदर्शिता को मिली प्राथमिकता
नए नियमों के अंतर्गत अब स्कोरिंग प्रोसेस ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित हो गई है। किसी भी तरह की गलत रिपोर्टिंग या फर्जी एंट्री की संभावनाएं अब न्यूनतम होंगी। इससे उपभोक्ताओं को सही स्कोर के आधार पर लोन लेने में आसानी और कम ब्याज दरों का लाभ मिलेगा।