SBI का टॉप लंपसम प्लान 2025: एक बार निवेश करें और पाएं शानदार रिटर्न!
नई दिल्ली :- अगर आप एक बार में बड़ी रकम निवेश करना चाहते हैं और भविष्य के लिए अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं, तो SBI के लंपसम प्लान 2025 आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। लंपसम निवेश उन लोगों के लिए आदर्श है जिनके पास सेविंग्स, बोनस या किसी संपत्ति की बिक्री से बड़ी राशि होती है और वे उसे एक बार में निवेश कर बेहतर लाभ कमाना चाहते हैं। SBI के म्यूचुअल फंड्स इस मामले में काफी भरोसेमंद हैं।
क्या होता है लंपसम निवेश?
लंपसम निवेश का मतलब है – एक ही बार में पूरा पैसा म्यूचुअल फंड में डालना। इसमें SIP की तरह हर महीने पैसे डालने की जरूरत नहीं होती। लंपसम निवेश में पैसा एक बार में लग जाता है जिससे कंपाउंडिंग का लाभ जल्दी मिलना शुरू हो जाता है। अगर बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है तो पूरा निवेश रिटर्न में तब्दील होता है।
2025 में SBI के टॉप लंपसम फंड्स
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SBI Contra Fund – लॉन्ग टर्म में अच्छा प्रदर्शन, 5 साल में करीब 36% का CAGR। रिस्क थोड़ा ज्यादा होता है लेकिन रिटर्न भी दमदार।
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SBI Bluechip Fund – बड़ी कंपनियों में निवेश करता है, इसलिए रिस्क कम। 5 साल का रिटर्न लगभग 16% रहा है।
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SBI Large & Midcap Fund – ग्रोथ और स्थिरता का संतुलन। करीब 13% CAGR रिटर्न।
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SBI PSU Fund – सरकारी कंपनियों में निवेश करने वाला फंड, जिसमें 3 साल में करीब 37% रिटर्न मिला है।
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SBI Infrastructure Fund – इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर आधारित, जिसमें 24% का अच्छा रिटर्न मिला है।
निवेश की प्रक्रिया
SBI म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहद आसान है। आप इसके लिए SBI की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं। KYC प्रक्रिया पूरी करने के बाद आप ₹5,000 या उससे अधिक की राशि से निवेश शुरू कर सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन बैंकिंग, UPI या अन्य पेमेंट मोड्स का उपयोग किया जा सकता है।
टैक्स और नियम
लंपसम निवेश पर टैक्स नियम फंड के प्रकार पर निर्भर करते हैं:
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Equity Funds: एक साल से पहले निकासी पर STCG टैक्स, एक साल के बाद LTCG टैक्स (₹1.25 लाख तक टैक्स फ्री)।
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Debt Funds: तीन साल से कम में निकासी पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स, तीन साल बाद 12.5% LTCG।
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Hybrid Funds: यदि इक्विटी 65% से अधिक है तो इक्विटी नियम लागू होते हैं।
फायदे और सावधानियां
फायदे:
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कंपाउंडिंग का फायदा ज्यादा
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बाजार की तेजी का पूरा लाभ
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बार-बार निवेश की जरूरत नहीं
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ऑनलाइन ट्रैकिंग और आसान मॉनिटरिंग
सावधानियां:
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निवेश से पहले रिस्क लेवल और फंड का पिछला प्रदर्शन जरूर देखें
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बाजार की गिरावट में नुकसान भी हो सकता है
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निवेश की अवधि लंबी रखें ताकि उतार-चढ़ाव से बचा जा सके