नई दिल्ली

जमीन रजिस्ट्री को लेकर हुआ बड़ा बदलाव, अब रजिस्ट्री से नहीं इस दस्तावेज से मिलेगा मालिकाना हक

नई दिल्ली :- घर, दुकान या जमीन खरीदना हर किसी के लिए बड़ी उपलब्धि होती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ रजिस्ट्री कराने से आप उस प्रॉपर्टी के पूरे मालिक नहीं बन जाते? जी हां, यह सच है। सरकार और अदालत दोनों ने साफ किया है कि रजिस्ट्री सिर्फ पहला कदम है, मालिकाना हक पाने के लिए कुछ और जरूरी कागजात भी होते हैं।

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अगर आप भी कोई प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।

रजिस्ट्री क्या है और इसमें क्या होता है?

रजिस्ट्री, यानी विक्रय दस्तावेज (Sale Deed), वह सरकारी रिकॉर्ड है जिसमें यह दर्ज होता है कि आपने किस प्रॉपर्टी को कितने में और किससे खरीदा है। इसमें प्रॉपर्टी की लोकेशन, एरिया, खरीदार और विक्रेता की जानकारी शामिल होती है।

लेकिन रजिस्ट्री होना, कानूनी मालिकाना हक (Legal Ownership) की पूर्ण गारंटी नहीं देता। कई बार पुराने मालिकाना विवाद या सरकारी रिकॉर्ड में गड़बड़ियों के कारण परेशानी आ सकती है।

म्यूटेशन क्यों है जरूरी?

म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) वह प्रक्रिया है जिसमें खरीदी गई संपत्ति का नाम सरकारी रिकॉर्ड में आपके नाम दर्ज किया जाता है। यह काम तहसील या नगर निकाय कार्यालय में होता है।

अगर म्यूटेशन नहीं कराया गया, तो ज़मीन या प्रॉपर्टी अब भी पुराने मालिक के नाम पर ही सरकारी कागजों में दर्ज रहेगी। इससे भविष्य में टैक्स, बिक्री या विवादों में समस्या आ सकती है।


प्रॉपर्टी के पूरे मालिक बनने के लिए जरूरी दस्तावेज:

दस्तावेज क्यों जरूरी है?
रजिस्ट्री की कॉपी संपत्ति की खरीद का कानूनी प्रमाण
म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) सरकारी रिकॉर्ड में नाम चढ़वाने के लिए
टाइटल डीड यह दर्शाता है कि संपत्ति पर आपका वैध हक है
एनओसी (No Objection Certificate) सुनिश्चित करता है कि कोई कानूनी अड़चन नहीं है
प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद यह दिखाता है कि टैक्स अद्यतन है
पहचान पत्र (आधार, पैन आदि) दस्तावेजों को वैधता देने के लिए

म्यूटेशन के लिए क्या करना होता है?

म्यूटेशन करवाने के लिए तहसील या नगर निगम में आवेदन करना होता है। इसके लिए निम्न कागजात जमा करने होते हैं:

  • रजिस्ट्री की प्रति

  • पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड)

  • प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान की रसीद

  • एनओसी (यदि लागू हो)

  • म्यूटेशन आवेदन फॉर्म (तहसील से मिलता है)

अब कई राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के जरिए भी की जा सकती है।

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले क्या जांचें?

  1. प्रॉपर्टी पर कोई कर्ज या लोन तो नहीं है

  2. कोर्ट केस या कानूनी विवाद की स्थिति

  3. टाइटल डीड और पुराना रिकॉर्ड साफ है या नहीं

  4. एनओसी सही विभागों से प्राप्त हुआ या नहीं

सलाह: प्रॉपर्टी विशेषज्ञ या वकील की मदद लेना हमेशा समझदारी का फैसला होता है।

असली कहानी: म्यूटेशन न कराने से कैसे फंसे लोग?

दिल्ली के निवासी राकेश शर्मा ने हाल ही में एक फ्लैट खरीदा। उन्होंने बताया, “रजिस्ट्री तो हो गई थी, लेकिन वकील ने म्यूटेशन करवाने की सलाह दी। तब जाकर मुझे पता चला कि इसके बिना सरकारी रिकॉर्ड में मेरा नाम नहीं आएगा।”

Author Komal Tanwar

नमस्कार मेरा नाम कोमल तंवर है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर काम करती हूँ. मैं प्रतिदिन हरियाणा की सभी ब्रेकिंग न्यूज पाठकों तक पहुंचाती हूँ. मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि मैं अपना काम अच्छी तरह से करू और आप लोगों तक सबसे पहले न्यूज़ पंहुचा सकूँ. जिससे आप लोगों को समय पर और सबसे पहले जानकारी मिल जाए. मेरा उद्देशय आप सभी तक Haryana News सबसे पहले पहुँचाना है.

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