मंडी भाव

Wheat Price: 7वें आसमान पर पहुंचे गेंहू के दाम, 3600 रू प्रति क्विंटल भाव सुनकर किसान खुश

नई दिल्ली, Wheat Price : प‍िछले सालों के मुकाबले इस बार मौसम ज्यादा गर्म है. मार्च के महीने में ही प्रचंड गर्मी देखने को मिल रही है. अप्रैल वाली गर्मी फरवरी और मार्च में ही हो रही है. परन्तु इस गर्मी का प्रभाव गेहूं उत्‍पादन पर क‍ितना होगा , इस पर सरकार का कहना है क‍ि इस बारे में कुछ भी कहना अभी ठीक नहीं है.  केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि तापमान में हो रही वृद्धि का गेहूं की फसल पर अब तक कोई भी असर नहीं हुआ है.

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आगे होने वाले प्रभाव के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी 

आगे होने वाले प्रभाव के बारे में कुछ भी कहना अभी गलत होगा.  जब कृषि मंत्री से पूछा गया कि मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में कटाई शुरू होने के दौरान क्या गेहूं की फसल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव देखा गया है, इस पर तोमर ने कहा, ‘कृषि के सामने मौसम संबंधी चुनौतियां हमेशा आती रहती हैं.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं समझता हूं कि अभी कोई स्थिति नहीं है. कोई प्रभाव पड़ा है, ऐसा कहना जलदबाजी होगी.’ तोमर ने बताया कि सरकार ने 20 फरवरी को Temperature में असामान्य वृद्धि और गेहूं की फसल पर इसके Effect से पैदा हुई स्थिति की देखरेख के लिए एक समिति बनाई गई है.

किसानों को दिए जरूरी परामर्श 

इसके अतिरिक्त फसल को बचाने के लिए कृषक समुदाय को जरूरी परामर्श भी दिए हैं. समिति बनाने का फैसला देश के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से ज्यादा होने की वजह से लिया गया है. फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में भारत का गेहूं उत्पादन (wheat production in indie) पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया, जिसका मुख्य कारण कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गर्मी की लू का चलना था. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

बढ़ती कीमतों के कारण गेहूं के निर्यात पर लगा दिया था प्रतिबंध 

घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए FCI की खरीद में लगातार कमी के बाद केंद्र ने पिछले साल मई में बढ़ती कीमतों को Control करने के लिए गेहूं के Export पर रोक लगा दी थी. सरकार ने कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2022-23 फसल वर्ष में रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है.

गेहूं की फसल के लिए ज्यादा चिंता की बात नहीं

इस महीने के शुरू होने के साथ है, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा था, ‘अगले दो हफ्तों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाने वाली कोई लू चलने की संभावना नहीं है, जो अनाज के निर्माण की एक महत्वपूर्ण अवधि है.’ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के निदेशक एके सिंह ने पिछले माह कहा था कि 35 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान गेहूं की फसल के लिए ज्यादा परेशानी की बात नहीं है.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

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