देशभर में 25,000 KM हाईवे होंगे फोरलेन, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान
नई दिल्ली :- भारत की सड़क कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र सरकार बड़े स्तर पर काम कर रही है। इसी क्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में लोकसभा में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि देशभर में 25,000 किलोमीटर लंबे दो-लेन राष्ट्रीय राजमार्गों को अब फोर लेन में बदला जाएगा, जिससे यातायात में सुधार के साथ-साथ सड़क सुरक्षा भी बढ़ेगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर सरकार करीब 10 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
दो वर्षों में पूरा होगा काम
गडकरी ने बताया कि इस सड़क विकास परियोजना को अगले दो सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त सरकार 16,000 किलोमीटर हाइवे को 6 लेन में बदलने की योजना पर भी काम कर रही है, जिसमें लगभग 6 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
हादसों पर लगेगी लगाम
भारत में हर साल लाखों सड़क हादसे होते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा जानें 18 से 45 वर्ष के लोगों की जाती हैं। गडकरी के अनुसार, हर साल 4.8 लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.88 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाई जाए। इसके लिए सरकार सड़क चौड़ीकरण, सुरक्षा उपायों और आधुनिक तकनीक पर काम कर रही है।
पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष फोकस
गडकरी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में भी हाईवे विकास को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में करीब 2 लाख करोड़ रुपये की लागत से 105 सुरंगों का निर्माण चल रहा है। इसमें सबसे अहम जोजिला टनल है, जो एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी और यह अत्यधिक ठंडे क्षेत्र में स्थित है। इस सुरंग की लागत पहले 12,000 करोड़ रुपये अनुमानित थी, लेकिन यह लगभग 5,500 करोड़ रुपये में पूरी हो जाएगी।
जम्मू-श्रीनगर यात्रा होगी आसान
गडकरी ने बताया कि जम्मू से श्रीनगर तक के हाइवे पर 36 सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें से 22 का निर्माण पूरा हो चुका है। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, जहां पहले इस मार्ग को पार करने में 7 घंटे लगते थे, अब यह सिर्फ 3 से 3.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। साथ ही, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है, जिससे यात्रा का समय 12 घंटे से घटकर लगभग आधा रह जाएगा।
कुछ प्रोजेक्ट्स अटके हुए
हालांकि सरकार के प्रयासों के बावजूद भारतमाला योजना समेत 637 परियोजनाएं अभी भी अधूरी हैं। गडकरी ने राज्यसभा में बताया कि इनमें देरी का मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण की जटिलताएं और ठेकेदारों को आने वाली वित्तीय समस्याएं हैं। सरकार इन अड़चनों को दूर करने के लिए प्रयासरत है, ताकि सभी प्रोजेक्ट समय पर पूरे हो सकें।