हरियाणा में राष्ट्रपति मुर्मू की सुरक्षा में बड़ी चूंक, विमान लैंडिंग से पहले रनवे पर आए जंगली जानवर

सेना लड़ाकू विमान उतारने का भी कर चुकी है ट्रायल
सेना लड़ाकू विमान उतारने का ट्रायल कर चुकी है। हैरान करने वाली बात यह कि एयरपोर्ट के अधिकारी यहां वन्यप्राणियों के विचरण की बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं। जबकि वन एवं वन्य प्राणी विभाग का कहना है कि यहां पहले से वन्य जीवों का बसेरा है। सवाल यह कि सुरक्षा के प्रति बेपरवाही के लिए जवाबदेह कौन है?
तीन दिन तक टीमें परिसर में वन्य जीवों को पकड़ने में रही व्यस्त
राष्ट्रपति 10 मार्च को हिसार आई थीं। उनके आगमन से पहले आठ मार्च को विश्व महिला दिवस के दिन से ही एयरपोर्ट के सीमा क्षेत्र में कई विभागों की संयुक्त टीमें वन्य जीवों को पकड़ने और उन्हें एयरपोर्ट के प्रांगण से बाहर निकालने की जद्दोजहद में लगी रही। दिन में कई घंटे टीमों ने इन वन्य जीवों को पकड़ने के लिए पसीना बहाया। सभी तरह के प्रयासों के बावजूद वन्य जीवों को बाहर नहीं निकाला जा सका था।
वन्यप्राणी विभाग के अफसर बोले-यह तो वन्य जीवों की जगह है
वन्यप्राणी विभाग के आला अफसरों की मानें तो हवाई अड्डे ने वन्य जीवों की जगह घेर रखी है। वन्य जीव यहां पहले से ही रह रहे थे। इसी वजह से आज भी अपनी जगह मानकर विचरण कर रहे हैं। सरकारी तंत्र की मानें तो एयरपोर्ट की सीमा में नीलगाय, सुअर, कुत्ते हैं। सूत्रों के अनुसार करीब 20-30 नीलगाय, सुअर, 50 से अधिक कुत्ते, एक हजार के आसपास तितर और गीदड़ भी यहां नियमित घूमते हैं।
मार्च-अप्रैल में शुरू हो सकती है हवाई सेवा
हिसार एयरपोर्ट से मार्च-अप्रैल तक कई राज्यों के लिए हवाई सेवा शुरू होने वाली है। रनवे और उसके आसपास घूमने वाले वन्यजीव खतरा बनकर मंडरा रहे हैं।
पांच राज्यों के लिए उड़ान का रास्ता होगा साफ
हिसार एयरपोर्ट से पांच राज्यों के लिए जहाज उड़ने का रास्ता जल्द साफ होगा। होली पर प्रदेश को जहाज उड़ाने का लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। सबसे पहला जहाज अयोध्या के लिए उड़ान भरने की बात कही गई है। वहीं एयरपोर्ट पर बड़े टर्मिनल के निर्माण और उसके शिलान्यास को लेकर पीएम मोदी को हिसार बुलाने की योजना है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री से समय मिलने और लाइसेंस मिलने के बाद पहली फ्लाइट भी उसी दिन उड़े, जिस दिन हिसार प्रधानमंत्री पहुंचें। एयरपोर्ट के अंदरूनी क्षेत्र में झाड़ियां है। एयरपोर्ट के चारों तरफ दीवार निकल चुकी है। दीवार के कारण और झाड़ियों की वजह से वन्यजीव बाहर नहीं पा रहे। इन्हें खाने के लिए भोजन व पानी मिल ही रहा है। दिनेश जांगड़ा, इंस्पेक्टर, वन्यप्राणी विभाग, हिसार।