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हरियाणा में गन कल्चर का मुद्दा गर्माया, फोगाट बोले- ये कलाकर मेरे लेवल का नहीं

चंडीगढ़ :- हरियाणा में इन दिनों गन कल्चर को लेकर विवाद हो रहा है। गन कल्चर को रोकने के लिए सिंगर मासूम शर्मा के 3 गाने जिनमें ट्यूशन बदमाशी का, 60 मुकदमे और खटोला को बैन कर दिया गया है। जिसके बाद से प्रदेश में बवाल मच हुआ है। ऐसे में दो हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा और गजेंद्र फोगाट भी आमने- सामने आ गए। दोनों गायकों के बीच विवाद तब बढ़ गया, जब सरकार से सवाल करते हुए  एक ने दूसरे गायक के गानों बैन करने के लिए कह दिया। दोनों गायकों के बीच बवाल मच गया है।

mashoom sharma

ये मेरे लेवल का नहीं- गजेंद्र फोगाट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगर मासूम शर्मा ने सवाल पूछा कि सरकार ने ‘तड़कै पावेगी लाश नहर में’ गाने को क्यों बैन नहीं किया। दूसरी तरफ इस गाने के सिंगर गजेंद्र फोगाट ने मासूम शर्मा के लिए कहा कि ‘ये कलाकर उनके लेवल का नहीं है। फेमस होने के लिए कंट्रोवर्सी कर रहा है।’ ऐसा कहा जा रहा है कि अभी गजेंद्र फोगाट हरियाणा CM नायब सैनी के पब्लिसिटी विंग के OSD हैं। सीएम सैनी और फोगाट दोनों किसी भी इंटरव्यू में एक-दूसरे का नाम नहीं ले रहे हैं। बता दें कि मासूम शर्मा के अलावा अंकित बालियान का गाना ‘भरी कोर्ट में गोली मारांगे मेरी जान’और नरेंद्र भगाना का ‘भाई तेरा गुंडा सै’ भी बैन किया गया है।

मासूम शर्मा ने क्या बयान दिया ?

मीडिया के मुताबिक मासूम शर्मा का कहना है कि ‘गजेंद्र फोगाट खुद का तो कुछ चल नहीं रहा, दूसरों की टांग खींच रहे हैं। उन्होंने भी गन के साथ तड़कै पावेगी लाश नहर में गाना गाया हुआ है, वह भी गन कल्चर का गाना है, उसे तो डिलीट नहीं किया गया, फिर मेरे गानों से इतनी दिक्कत क्यों हो गई।’ तड़कै पावेगी लाश नहर में गाने के लेखक अमित सैनी रोहतकिया है। इस गाने को गजेंद्र फोगाट ने गाया है। इस पर मासूम शर्मा का कहना है कि ने उनका अमित सैनी रोहतकिया से कोई विवाद नहीं है। मासूम शर्मा ने का कहना है कि सरकार ने अगर कानून बनाया है तो वह इसका समर्थन करते हैं। मगर, इसमें भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गन कल्चर के गानों पर रोक समान रूप से लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि  हरियाणवी गाने डिलीट कर दिए तो युवा पंजाबी सुनेंगे। सरकार गन कल्चर के साथ गंद कल्चर पर भी रोक लगाए। गंदे गानों पर भी रोक लगाई जाए।

गजेंद्र फोगाट ने अपने समर्थन में क्या कहा ?

ऐसा कहा जा रहा है कि गजेंद्र फोगाट ने मासूम शर्मा का नाम लिए बिना सोशल मीडिया चैनल के इंटरव्यू में कहा ‘वह सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में ऐसा कर रहा है।। मैं कलाकारों का सॉफ्ट टारगेट हूं। मैंने किसी का गाना डिलीट नहीं करवाया। साइबर सेल द्वारा गानों को डिलीट किया जा रहा है, इसमें उनका कोई रोल नहीं है। जिन गानों पर पुलिस विभाग के साइबर सेल को आपत्ति है, उन्हें ही हटाया गया है।’ गजेंद्र फोगाट ने आगे कहा कि ‘कुछ कलाकारों के गाने तो डिलीट हो गए, अब वह TRP के चक्कर में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे गाने बनाओ, जिससे समाज में अच्छा संदेश जाए। फोगाट ने यह भी कहा कि मासूम शर्मा मेरे लेवल के नहीं है। कुछ कलाकार जान बूझकर फेमस होने के लिए  कन्ट्रोवर्सी करते हैं। कुछ दिन पहले भी हरियाणा के 2 कलाकारों ने आपस में खूब कन्ट्रोवर्सी की और बाद में हाथ मिला लिया’

कलाकरों ने मासूम शर्मा का समर्थन किया 

मासूम शर्मा के गाने बैन हो जाने के बाज कुछ कलाकारों ने उनका सपोर्ट किया जिसमें, कुलवीर दनौदा उर्फ केडी, बिंद्र दनौदा, अमित ढुल, सोनिका सिंह, शीमन कैथोलिक, कीर्ति कुमार सत्ता भी शामिल है। इन सभी कलाकारों का कहना है कि ‘अगर सरकार गन कल्चर वाले गानों पर कार्रवाई कर रही है तो फिर केवल मासूम शर्मा के गानों पर ही क्यों, बाकी सभी गानों को भी हटाया जाए।’ उन्होंने कहा कि वह सरकार के फैसले से सहमत हैं। कलाकारों का कहना है कि सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। पॉलिसी से लेकर गानों को डिलीट करने के पैमाने को क्लियर करना चाहिए।

Rohit

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