हरियाणा में बेटियों की शादी पर सरकार देगी ₹51,000 की सहायता: 16.65 लाख परिवार होंगे लाभार्थी, 6 महीने में करना होगा रजिस्ट्रेशन
चंडीगढ़ :- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्य की बेटियों की शादी में आर्थिक सहयोग के रूप में मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाने का अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत अब योग्य लाभार्थियों को शादी के लिए ₹51,000 की आर्थिक सहायता मिलेगी। पहले यह राशि ₹41,000 थी। सरकार के इस फैसले से गरीब और ज़रूरतमंद वर्ग की बेटियों को काफी राहत मिलेगी।
शादी के 6 महीने के भीतर करना होगा पंजीकरण
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक है कि शादी के 6 माह के अंदर विवाह का रजिस्ट्रेशन कराया जाए। योग्य परिवार योजना के लिए shadi.edisha.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, इस योजना का मकसद आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी में सहायता देना है। इसके अंतर्गत बीपीएल कार्ड धारक, पिछड़े वर्ग के पात्र परिवार, खिलाड़ी महिलाएं (किसी भी वर्ग से) और ऐसे जोड़े जिनमें पति या पत्नी में से कोई एक दिव्यांग हो, सभी को ₹51,000 की राशि कन्यादान के रूप में दी जाएगी।
विशेष समुदायों को मिल रही अतिरिक्त राशि
-
अनुसूचित जाति (SC), विमुक्त जाति (VJ) और टपरीवास समुदाय (NT) के पात्र परिवारों को विवाह के अवसर पर ₹71,000 तक की सहायता दी जा रही है।
-
वहीं विधवा, तलाकशुदा, अनाथ या बेसहारा महिलाएं यदि पुनर्विवाह कर रही हैं और पहली बार इस योजना का लाभ नहीं लिया था, तो उन्हें भी ₹51,000 की राशि दी जाती है।
योजना का इतिहास
यह योजना हरियाणा में 1 अप्रैल 1983 से लागू है। पहले इसे इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी विवाह शगुन योजना के नाम से जाना जाता था। 2015 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना रखा गया।
किस विभाग के अंतर्गत आती है योजना?
यह योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है। योजना की राशि का बजट भी इन्हीं विभागों द्वारा जारी किया जाता है।