Indian Railway: भारतीय रेलवे का लाखों यात्रियों को बड़ा गिफ्ट, अब नहीं देनी होगी ये फीस
नई दिल्ली, Indian Railway :- भारतीय रेलवे वेटिंग टिकट रद्द करने पर ली जाने वाली क्लर्केज फीस को या तो घटाने या पूरी तरह समाप्त करने पर विचार कर रहा है। यदि ऐसा होता है, तो यह उन यात्रियों के लिए बड़ी राहत होगी जिनके टिकट कन्फर्म नहीं हो पाते, लेकिन टिकट कैंसिल कराने पर उनसे शुल्क काटा जाता है। अब जब अधिकांश यात्री ऑनलाइन टिकट बुक कर रहे हैं और रेलवे की बुकिंग प्रक्रिया भी डिजिटल हो गई है, ऐसे में रेलवे इस फीस को लेकर पुनर्विचार कर रहा है ताकि यात्रियों को बेवजह का आर्थिक बोझ न उठाना पड़े।
अभी क्या है क्लर्केज फीस का सिस्टम?
वर्तमान में जब कोई यात्री अपना रेलवे टिकट कैंसिल करता है, तो उससे निम्नलिखित क्लर्केज शुल्क लिया जाता है:
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रिजर्व्ड एसी या नॉन-एसी टिकट: ₹60
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अनारक्षित सेकंड क्लास टिकट: ₹30
यदि आपने टिकट IRCTC की वेबसाइट या ऐप से बुक किया है, तब भी यह शुल्क लागू होता है। इसके अतिरिक्त, IRCTC द्वारा एक अलग कन्वीनियंस फीस भी ली जाती है:
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एसी टिकट के लिए: ₹30
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नॉन-एसी टिकट के लिए: ₹15
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह क्लर्केज फीस टिकट बुकिंग सिस्टम के संचालन और रखरखाव की लागत को पूरा करने के लिए ली जाती है। यह राशि सीधे रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम अपग्रेडेशन में उपयोग की जाती है।
तत्काल टिकट बुकिंग के नियम हुए सख्त
रेलवे ने 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब यदि कोई यात्री ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक करता है, तो उसे अपनी पहचान का प्रमाण देना अनिवार्य होगा।
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पहचान प्रमाण के लिए आधार कार्ड, डिजीलॉकर से लिंक कोई सरकारी आईडी का उपयोग करना होगा।
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OTP-आधारित वेरिफिकेशन सिस्टम भी इसी महीने के अंत तक शुरू किया जा सकता है।
इस बदलाव का उद्देश्य टिकट बुकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित बनाना और फर्जी या गलत टिकट बुकिंग पर रोक लगाना है।
रिजर्वेशन चार्ट की समय-सीमा में बदलाव
रेलवे ने ट्रेन के रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने के समय में भी बदलाव किया है। अब ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले चार्ट तैयार किया जाएगा। पहले यह समय 4 घंटे था।
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यदि ट्रेन दोपहर 2 बजे से पहले रवाना होती है, तो उसका चार्ट पिछली रात 9 बजे तैयार कर दिया जाएगा।
इस बदलाव से उन यात्रियों को खास राहत मिलेगी जो बीच के स्टेशनों से ट्रेन पकड़ते हैं और जिन्हें पहले अंतिम समय तक चार्ट जारी होने का इंतजार करना पड़ता था