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Ajab Gajab: इस जुगाड़ को देख कर चकरा गए बड़े- बड़े अर्थशास्त्री, रोडवेज बस को ट्रेन में बदल दौड़ा दिया रेल ट्रैक पर

नई दिल्ली :- आज के समय में लोग ट्रेन से यात्रा करना अधिक पसंद करते हैं. क्योंकि यात्रियों को ट्रेन जैसी सुविधा ओर अन्य किसी साधन में नहीं मिल सकती. Train से यात्रियों के समय की बचत तो होती ही है साथ में किराए में भी बहुत अधिक छूट मिलती है. बहुत बार Railway को घाटा भी उठाना पड़ता है, क्योंकि कुछ रूट ऐसे भी होते हैं जिन पर सवारियों की संख्या बहुत कम होती है जिससे रेलवे की आमदनी भी नहीं हो पाती. ऐसे में Railway कम यात्रियों वाले रूटों पर ट्रेन का आवागमन बंद कर देती है.

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श्रीलंका और भारत ने मिलकर खोजा धाँसू उपाय

वहीं अगर भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका की बात करें तो श्रीलंका ने एक धाँसू उपाय खोजा है. जिसमे भारत ने भी श्रीलंका की Help की है. श्रीलंका में भी बहुत सारे Route ऐसे हैं जहां पर यात्रियों की संख्या बेहद कम है और ऐसे रूटों पर Train चलाना संभव भी नहीं है. यहां पर अनावश्यक पैसा खर्च करने की बजाय बसों को ही ट्रैक पर दौड़ाया जाता है. अब आपको यह सुनकर हैरानी हो रही होगी कि बस को रेलवे ट्रैक पर कैसे चलाया जा सकता है. ऐसा ही ऊपर दी गई फोटो में आप देख सकते हैं कि रेल बस जैसी ही है, केवल ड्राइवर की स्टीयरिंग हटा दी गई है.

बसों में किया गया बड़ा बदलाव

बसों में सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया है कि Bus का स्टीयरिंग बदल दिया गया है. इसके अलावा बस के पहियो को बदलकर उसकी जगह Train के पहिए लगा दिए गए है. दो बसों को मिलाकर यह रेलबस तैयार की गई है इस Bus में Metro Train की भांति दोनों तरफ कैबिन बनाए गए हैं. भारत हमेशा से ही श्रीलंका की मदद के लिए आगे रहा है. भारत श्रीलंका की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए हमेशा से ही मदद करता रहा है. वर्ष 2019 में देश ने रेलबस प्रोजेक्ट के लिए 10 बसें श्रीलंका को भेंट स्वरूप दी थी. इन बसों को मिलाकर ही श्रीलंका ने 5 नई रेलबस तैयार की थी. हाल ही में देश ने श्रीलंका को 75 बसें Gift में दी है.

वर्ष 1995 में शुरू की गई थी रेलबस सेवा

श्रीलंका में रेलवे की शुरुआत वर्ष 1995 से की गई थी. सबसे पहले TATA की दो बसों को मिलाकर एक रेलबस के रूप में तब्दील की गई थी. तब से लेकर अब तक श्रीलंका में रेलबसें ही चलाई जा रही है. हाल ही में श्रीलंका को भेंट की गई 10 बसें अशोक लीलैंड ने Supply की है. इस समय ये Railbus बाटीकालोआ से ग्लोआ, चिलाव से पुट्टालम, त्रिकोंमाली से गलोया, महारगामा से कोसागामा रूटों पर चलाई जा रही हैं. अगर आप भी घूमने के लिए श्रीलंका जा रहे हैं तो इस रेलबस का आनंद ले सकते हैं.

Author Shweta Devi

मेरा नाम श्वेता है. मैं हरियाणा के भिवानी जिले की निवासी हूं. मैंने D.Ed और स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर ली है. वर्तमान में मै Khabri Express पर बतौर लेखक के रूप में कार्य कर रही हूं. मै सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीम, एजुकेशन और लाइफ स्टाइल से जुड़े विभिन्न कंटेंट जितनी जल्द हो सके पाठको तक पहुंचाने की कोशिश करती हूँ.

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