नई दिल्ली

2032 में धरती से टकरा सकता है विनाशकारी एस्टेरॉयड, मच सकती है तबाही

नई दिल्ली :- धरती पर जीवन के लिए अंतरिक्ष से आने वाले एस्टेरॉयड हमेशा एक बड़ा खतरा माने जाते हैं। इतिहास में भी ऐसा माना जाता है कि एक विशाल एस्टेरॉयड की टक्कर से ही लाखों साल पहले डायनासोर जैसी प्रजातियाँ खत्म हो गई थीं। आज के दौर में भी वैज्ञानिक लगातार अंतरिक्ष की निगरानी करते रहते हैं, ताकि समय रहते संभावित खतरे को पहचाना जा सके। इसी कड़ी में अब वैज्ञानिकों ने एक और एस्टेरॉयड को लेकर चेतावनी जारी की है – नाम है 2023 DW। इसे ‘City Killer’ यानी शहर को तबाह कर देने वाला एस्टेरॉयड कहा जा रहा है।

Asteroid

कितना बड़ा है ये खतरा?

इस एस्टेरॉयड का आकार करीब 160 मीटर है, यानी एक स्टेडियम जितना बड़ा। वैज्ञानिकों ने इसके रास्ते का बारीकी से विश्लेषण किया है और माना जा रहा है कि 2032 में इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना है, हालांकि यह संभावना बहुत कम है। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो नतीजे बेहद भयानक हो सकते हैं।

कहां टकरा सकता है एस्टेरॉयड?

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अनुसार, 2023 DW सबसे ज्यादा दक्षिण प्रशांत महासागर में टकरा सकता है, जो कि न्यूजीलैंड से करीब 1,500 किमी पूर्व में है। यदि ऐसा हुआ, तो भीषण सुनामी आ सकती है, जो कई तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करेगी।

वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि इसके टकराने की संभावनाएं कुछ और क्षेत्रों में भी हैं – जैसे हिंद महासागर और मध्य एशिया के कुछ हिस्से, लेकिन इनकी संभावना बहुत ही कम है।

टकराने पर होगा कितना नुकसान?

अगर यह एस्टेरॉयड सच में ज़मीन से टकराता है, तो:

  • करीब 2 से 3 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा बन सकता है

  • आसपास के 30 किलोमीटर तक का इलाका पूरी तरह बर्बाद हो सकता है

  • अगर महासागर में गिरा तो 10 से 15 मीटर ऊँची सुनामी लहरें उठ सकती हैं

  • अरबों टन पानी में हलचल मच सकती है

क्या अभी से डरना चाहिए?

फिलहाल नहीं। जब इस एस्टेरॉयड को 2023 में चीन के पर्पल माउंटेन ऑब्जर्वेटरी में खोजा गया था, तब इसे एक सामान्य पासिंग ऑब्जेक्ट माना गया था। तब इसकी टोरेनो स्केल रेटिंग 1 थी, जो खतरे का संकेत नहीं देती। लेकिन अब जैसे-जैसे इसके बारे में ज़्यादा जानकारी मिल रही है, इसकी रेटिंग 2 तक पहुंच चुकी है। यानी वैज्ञानिक अब इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

कौन कर रहा है निगरानी?

इस एस्टेरॉयड की निगरानी International Asteroid Warning Network (IAWN) कर रहा है। यह नेटवर्क दुनिया भर की दूरबीनों से मिले डेटा को इकट्ठा करता है और उनकी बारीकी से जांच करता है।

जानकारी के अनुसार, यह एस्टेरॉयड इस समय धरती से करीब 1.8 करोड़ किलोमीटर दूर है और 25 किमी/सेकंड की रफ्तार से चल रहा है। यह हर 271 दिन में सूरज की परिक्रमा करता है।

Sagar Parmar

हेलो दोस्तों मेरा नाम सागर परमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

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