हरियाणा: फैमिली ID पर नया अपडेट, अब इस सरकारी योजना का मिलेगा सीधा लाभ
चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत देने के लिए परिवार पहचान पत्र (Parivar Pehchan Patra – PPP) योजना को और अधिक सशक्त और लाभकारी बना दिया है। खासतौर पर उन परिवारों को ध्यान में रखते हुए जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम है। हाल ही में चंडीगढ़ में हुई घोषणा में सरकार ने साफ कर दिया है कि अब इस योजना के तहत लाखों परिवारों को सीधे और पारदर्शी तरीके से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
क्या है परिवार पहचान पत्र योजना?
परिवार पहचान पत्र (PPP) हरियाणा सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत हर राज्यवासी का पूरा पारिवारिक विवरण एक यूनिक ID नंबर के जरिए डिजिटल रूप से रिकॉर्ड किया जाता है। इससे सरकार को यह समझने में आसानी होती है कि किस परिवार की आर्थिक, सामाजिक या शैक्षिक स्थिति क्या है।
अब इस योजना को गरीब परिवारों के लिए सीधी मदद का जरिया बना दिया गया है।
1.80 लाख रुपये से कम आय वालों को मिलेंगे ये बड़े फायदे
1. BPL राशन कार्ड में प्राथमिकता
सरकार ने ऐलान किया है कि जिन परिवारों की सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम है, उन्हें बीपीएल सूची में शामिल किया जाएगा। इससे वे परिवार सस्ती दरों पर अनाज, तेल, चीनी और अन्य जरूरी वस्तुएं राशन डिपो से प्राप्त कर सकेंगे।
यह कदम ग्रामीण और निम्न वर्ग के परिवारों को आर्थिक सहारा देने की दिशा में बेहद अहम है।
2. मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा
इस योजना के तहत अब इन परिवारों को सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग जल्द ही एक ऐसी व्यवस्था लागू करेगा जिसमें PPP ID से जुड़े लाभार्थियों को इलाज के लिए अलग से आय प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेजों की जरूरत नहीं होगी।
सरकारी अस्पतालों में दवाइयों से लेकर ऑपरेशन तक की सेवाएं मुफ्त मिल सकेंगी।
3. शिक्षा में आर्थिक मदद
कम आय वाले परिवारों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में सहायता दी जाएगी। सरकार की ओर से स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों को फीस में छूट, छात्रवृत्ति और मुफ्त किताबों जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
यह योजना विशेष रूप से उन परिवारों के लिए फायदेमंद होगी जो आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को पढ़ा नहीं पाते।
कैसे मिलेगा इन लाभों का फायदा?
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सबसे पहले यह जरूरी है कि परिवार का परिवार पहचान पत्र बना हो।
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PPP में दर्ज जानकारी आधार से जुड़ी होनी चाहिए।
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परिवार की सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और वह प्रमाणित हो।
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आय और अन्य जानकारी के आधार पर सरकार खुद लाभार्थियों को चिन्हित कर योजनाओं से जोड़ती है।