Haryana News: शामलात भूमि को लेकर मनोहर सरकार का बड़ा फैसला, अब 20 साल तक पट्टे पर दी जाएगी जमीन
चंडीगढ़ :- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में कल हरियाणा मंत्रिमंडल की अहम बैठक हुई. इस बैठक में 36 एजेंडे को रखा गया था जिसमें में से 33 को मंजूरी दे दी गई. इन्हीं में से एक कॉमन विलेज नियम 1964 में संशोधन था, इसे भी कैबिनेट Meeting में मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही गोशाला Bio Gas Plant, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने वाले समाजिक Society या धार्मिक संस्थाएं तथा चारे को उगाने के लिए अब शामलात भूमि को 20 साल तक की अवधि के लिए पट्टे पर ले सकेगी.
क्या होती है शामलात भूमि
बता दे कि साल 1959 से लेकर 1962 तक संयुक्त पंजाब में चकबंदी के दौरान कुछ जमीन धर्मशाला, जोहड़, गोचरान सहित अन्य सामाजिक कार्यों के लिए छोड़ दी गई थी. जिस भूमि का इस्तेमाल किया गया था, उसे शामलात भूमि कहा गया और जो जमीन या भूमि इस्तेमाल नहीं हुई, उसे मुस्तरका मालिकान व जुमला मालिकान कहा गया. इस्तेमाल ना होने वाली जमीन स्थानीय किसानों की साझी जमीन हो गई.आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
इन नियमों में किया गया संसोधन
इसके लिए हरियाणा सरकार की तरफ से पंजाब गांव साझा भूमि नियम 1964 के नियमों में संशोधन किया गया है. बता दें कि गौशालाओं में पट्टे धारक को कुल पशु जनसंख्या का कम से कम 50% बेसहारा पशुओं को पट्टा अवधि के दौरान गौशाला में ही रखना होगा. इन्हीं नियमों को गांव साझा भूमि हरियाणा संशोधन नियम 2023 कहा जाएगा. उक्त संशोधन के बाद अब ग्राम पंचायत को अपनी भूमि आबंटन के माध्यम से 20 वर्ष तक की अवधि के लिए कम से कम पर 5100 सो रुपए प्रति एकड़ की दर से पट्टे पर देने की अनुमति होगी.
इस प्रकार होगा भूमि का आंबटन
साथ ही शामलात देह में किसी भी भूमि को गौशाला निर्माण के दौरान 100 पशुओं के लिए 0.75 एकड़ के अनुपात में गौशाला की स्थापना हेतु भूमि पट्टे पर देने की अनुमति भी दी जाएगी. शामलात देह किसी भी भूमि को बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र जैसे सहायक के लिए 1500 पशुओं वाली गौशाला को 2 एकड़ भूमि पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी.
हरियाणा में गौशाला, बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने वाली इच्छुक सामाजिक सोसायटी या धार्मिक संस्थाएं तथा चारे को उगाने के लिए अब शामलात भूमि को 20 वर्ष तक की अवधि के लिए पट्टे पर ले सकेंगी।#Haryana #DIPRHaryana
— DPR Haryana (@DiprHaryana) April 5, 2023
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