ज्योतिष
Shani Amavasya 2025: अबकी बार अमावस्या पर रहेगा ग्रहण का साया, इस समय पर करे तर्पण
नई दिल्ली :- इस साल चैत्र अमावस्या 29 मार्च को मनाई जा रही है। यह दिन खास है, क्योंकि इस दिन शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2025) होने के साथ-साथ सूर्य ग्रहण का संयोग भी रहने वाला है। साथ ही इसी दिन पर शनि देव भी राशि परिवर्तन कर रहे हैं। पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं शनि अमावस्या पर तर्पण की विधि और इसका सही समय।

कब कर सकते हैं तर्पण
सूर्य ग्रहण के दौरान पितरों का तर्पण करना शुभ नहीं माना जाता। 29 मार्च को यानी चैत्र अमवस्या के दिन सूर्य ग्रहण की अवधि दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में आप इससे पहले तर्पण कर सकते हैं।
तर्पण की विधि (Tarpan Vidhi)
शनि अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद एक लोटे में जल लेकर उसमें थोड़े-से काला तिल और फूल डालें लें। अब हाथ में थोड़ी-सी कुश लेकर पितरों का ध्यान करें। इस दौरान अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें और धीरे-धीरे अपने अंगूठे का इस्तेमाल करते हुए पितरों को जल अर्पित करें। साथ ही पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। आप इस दिन पर मंत्र व पितृ चालीसा का पाठ भीकर सकते हैं। इसी के साथ इस दिन पर दान-पुण्य करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
तर्पण के मंत्र
तर्पण के दौरान पितरों को याद करते हुए आप इस मंत्रों का जप कर सकते हैं। सही विधि से तर्पण और मंत्रों का जप करने से आपको पितरों की विशेष कृपा मिल सकती है।
- ॐ पितृ देवतायै नम:।
- ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
- ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
- ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।