भैंस पालन पर मिल रही ₹1.81 लाख की सब्सिडी, 25 जून से शुरू होंगे आवेदन, जानें कौन-कौन से डॉक्युमेंट होंगे जरूरी
नई दिल्ली :- सरकार ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में रह रहे किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए एक अहम योजना शुरू की है, जिसका नाम है समग्र भैंस पालन योजना 2025-26। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है किसानों को उन्नत नस्ल की दूध देने वाली भैंसों की खरीद में सहायता प्रदान करना, ताकि वे अपना डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकें और स्थायी आय का साधन बना सकें।
पशुपालकों को मिलेगा सब्सिडी में लाभ
इस योजना के तहत लाभार्थी किसान यदि 1 या 2 उन्नत नस्ल की दूधारू भैंसें खरीदते हैं, तो उन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। इसका मकसद है कि पशुपालन को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में बढ़ावा मिले और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। सब्सिडी की राशि योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार तय की जाएगी और यह सीधा लाभार्थियों के बैंक खाते में DBT के जरिए भेजी जाएगी।
योजना के पीछे सरकार की सोच
बिहार में बड़ी संख्या में किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ पशुपालन करते हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वे आधुनिक डेयरी यूनिट स्थापित नहीं कर पाते। समग्र भैंस पालन योजना इसी कमी को दूर करने का एक प्रयास है। इससे ग्रामीण युवा खुद का रोजगार शुरू कर सकेंगे और स्थानीय स्तर पर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
पात्रता की शर्तें
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आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए।
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योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों/युवाओं को मिलेगा, जो बेरोजगार हैं और कोई सरकारी नौकरी नहीं करते।
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लाभार्थी के पास पशुओं के पालन हेतु पर्याप्त स्थान होना चाहिए।
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लाभ लेने के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता, भूमि संबंधित दस्तावेज और पासपोर्ट साइज फोटो आवश्यक हैं।
आवेदन प्रक्रिया
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ऑनलाइन माध्यम से आवेदन – इच्छुक व्यक्ति बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग के पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
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ऑफलाइन आवेदन – इच्छुक लाभार्थी अपने नजदीकी पशुपालन कार्यालय या CSC सेंटर से संपर्क करके आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
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आवेदन के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे और समय सीमा के भीतर जमा करना होगा।
योजना से मिलने वाले फायदे
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ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा।
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दूध उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे राज्य की डेयरी इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।
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किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।
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सरकार की ओर से समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे आधुनिक डेयरी तकनीक सीख सकें।