सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, अब बेटियों को पिता की संपत्ति में नहीं मिलेगा हिस्सा
नई दिल्ली :- अगर एक बेटी बालिग है यानी उसकी उम्र करीब 20 वर्ष है और वह अपने पिता से कोई संबंध नहीं रखना चाहती, तो वह पिता की संपत्ति पर अपना अधिकार खो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसी स्थिति में, अगर बेटी अपने पिता से रिश्ते को खत्म करने का निर्णय लेती है, तो उसे तलाक के बाद शिक्षा या अन्य खर्चों के लिए पिता से कोई आर्थिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी बताया कि अगर महिला अपने भाई के साथ रहती है और उसके पति से अंतरिम गुजारा भत्ता (अलिमनी) के रूप में 8000 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं, जिससे उसकी शिक्षा और अन्य खर्चों का प्रबंध हो रहा है, तो इसका मतलब यह है कि वह अपने पिता से कोई संबंध नहीं रखना चाहती। ऐसे में, उसे पिता की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होगा।
इस मामले में महिला के माता-पिता का भी तलाक हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मां अपनी बेटी की मदद करती है, तो वह राशि मां के अधिकार में होगी।
यह मामला तब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा जब महिला के पति ने जिला अदालत में तलाक की अर्जी दी थी, और जिला अदालत ने पति के पक्ष में निर्णय दिया था। इसके बाद, महिला ने हाई कोर्ट में अपील की, जहां तलाक की याचिका खारिज कर दी गई। अंततः यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जहां पति के पक्ष में फैसला सुनाया गया।