नई दिल्ली :- आज का दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद खास है, क्योंकि आज केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। शुक्रवार 2 मई की सुबह 7 बजे शुभ मुहूर्त में बाबा केदार के कपाट खोले गए। इस मौके पर हजारों श्रद्धालु मंदिर परिसर में मौजूद रहे और जयकारों के साथ बाबा के दर्शन किए। अब अगले 6 महीनों तक आम लोग भी आसानी से केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
केदारनाथ धाम का धार्मिक महत्व
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में केदारनाथ तीसरे स्थान पर आता है। यह धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से व्यक्ति के पाप कट जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंदिर में दर्शन करने से पहले भक्तों को पास में स्थित भैरवनाथ मंदिर के दर्शन भी ज़रूर करने चाहिए, क्योंकि इनके बिना केदारनाथ यात्रा अधूरी मानी जाती है।
शिव स्वयं करते हैं वास
केदारनाथ में स्थित शिवलिंग को स्वयंभू ज्योतिर्लिंग माना गया है, यानी यह शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था। हर साल सर्दियों के दौरान, नवंबर में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और वहाँ एक दीपक जलाकर रखा जाता है। खास बात यह है कि जब 6 महीने बाद कपाट दोबारा खोले जाते हैं, तो वह दीपक अब भी जलता हुआ मिलता है। यह एक दिव्य अनुभव माना जाता है।
केदारनाथ के आसपास के दर्शनीय स्थल
केदारनाथ सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां के आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं जैसे गांधी सरोवर, सोनप्रयाग, गौरीकुंड, वासुकी ताल, आदि शंकराचार्य की समाधि, रुद्रगुफा, चोराबाड़ी ग्लेशियर और मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित गर्म पानी का झरना। इन स्थानों की यात्रा भी भक्तों को शांति और आनंद देती है।