1 अगस्त से UPI में बदल जाएंगे ये 5 बड़े नियम, बैलेंस चेक करने का तरीका भी होगा नया
नई दिल्ली :- अगर आप यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत जरूरी है। 1 अगस्त 2025 से यूपीआई से जुड़े कई नए नियम लागू होने जा रहे हैं, जो सीधे आपकी जेब और डिजिटल आदतों पर असर डालेंगे। अब बार-बार बैलेंस चेक करने, पेमेंट स्टेटस देखने और ऑटोपे से भुगतान करने जैसे कामों पर लिमिट लगाई जा रही है। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
1. बैलेंस चेक की लिमिट तय
अब तक यूजर्स दिन में जितनी बार चाहें, अपने खाते का बैलेंस चेक कर सकते थे। लेकिन अब 1 अगस्त से एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक किया जा सकेगा।
NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) का कहना है कि यह नियम इसलिए लाया गया है ताकि यूपीआई सर्वर पर अनावश्यक लोड न पड़े और जरूरी पेमेंट्स में रुकावट न आए।
2. ऑटोपे अब सिर्फ तय समय पर
पहले ऑटोपे से पेमेंट दिनभर में कभी भी हो सकती थी, लेकिन अब यह सुविधा सिर्फ सुबह 10 बजे से पहले और दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक ही उपलब्ध होगी।
इसका असर SIP, डिजिटल इन्वेस्टमेंट्स, ओटीटी सब्सक्रिप्शन जैसी सेवाओं पर पड़ेगा, जिनके लिए आप UPI ऑटोपे का इस्तेमाल करते हैं।
3. पेमेंट रिवर्सल (चार्जबैक) की सीमा
अब एक यूजर महीने में केवल 10 बार ही पेमेंट रिवर्सल (चार्जबैक) की रिक्वेस्ट कर सकेगा।
इसके साथ ही किसी एक व्यक्ति या कंपनी से अधिकतम 5 बार ही पैसे वापसी की मांग की जा सकती है।
4. पेमेंट स्टेटस चेक करने की लिमिट
कई यूजर्स पेमेंट करने के बाद बार-बार उसका स्टेटस चेक करते हैं। अब इसमें भी कटौती की गई है।
आप एक दिन में सिर्फ 3 बार ही किसी ट्रांजैक्शन का स्टेटस चेक कर सकेंगे।
इसके अलावा, दो बार स्टेटस चेक करने के बीच कम से कम 90 सेकेंड का अंतर जरूरी होगा।
5. ट्रांजैक्शन हिस्ट्री देखने की सीमा
अब UPI ऐप के जरिए कोई भी यूजर दिन में केवल 25 बार ही अपने अकाउंट की डिटेल्स या ट्रांजैक्शन हिस्ट्री देख पाएगा।
इससे लगातार बैलेंस या पुरानी ट्रांजैक्शन चेक करने पर भी रोक लग गई है।