नई दिल्ली

मुर्रा नस्ल की भैसों को टक्कर देती है इन नस्लों की भैंस, डबल दूध और कीमत आधी

नई दिल्ली :- अक्सर ऐसे किसानों के दिमाग में सवाल उठता है, जो पशुपालन कर रहे हैं या फिर पशुपालन करने की सोच रहे हैं. जलवायु के हिसाब से कौन सी नस्ल की भैंस बेहतर रहेगी. जो न केवल अधिक दूध दे, बल्कि दूध की गुणवत्ता भी बेहतर हो और साथ ही अच्छा मुनाफा भी हो. इन सवालों का जवाब जानने के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के डेरी फार्म विभाग के वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार गोंड ने बताया.

bhaish

 

डॉ. विजय कुमार गोंड ने बताया कि समस्तीपुर की जलवायु के लिए नीली रवि और मुरहा नस्ल की भैंस पालन की सलाह दी. उन्होंने बताया कि ये नस्लें समस्तीपुर के तापमान और मौसम के अनुकूल होती हैं. उन्होंने कहा कि नीली और रवि नस्ल की भैंसें हर 12 से 15 महीने में बछड़ा देती हैं और इनके दूध में फैट की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा मिल सकता है.

अधिक दूध मिलेगा

इसके अलावा, इन नस्लों की भैंसें उच्च गुणवत्ता वाला दूध देती हैं, जो व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी फायदेमंद साबित हो सकती है. वैज्ञानिक ने कहा कि इन नस्लों का पालन करने से किसानों को न केवल अधिक दूध मिलेगा, बल्कि उनका व्यवसाय भी बेहतर तरीके से बढ़ सकता है. समस्तीपुर की जलवायु के अनुसार इन नस्लों का पालन करना किसानों के लिए उपयुक्त रहेगा.

उचित छांव और ठंडी जगह का होना बेहद आवश्यक

डॉ. गोंड ने यह भी कहा कि भैंसों के लिए उचित छांव और ठंडी जगह का होना बेहद आवश्यक है, खासकर गर्मी के मौसम में. गर्मी के दौरान भैंसों को छांव में रखना चाहिए, क्योंकि अधिक गर्मी में दूध की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. गर्मियों के मौसम में भैंसों को शीतल वातावरण मिलना चाहिए ताकि उनका स्वास्थ्य और दूध की गुणवत्ता बनी रहे.

Rohit

प्रिय पाठको मेरा नाम रोहित कुमार है. मैं खबरी एक्सप्रेस का फाउंडर हूँ. वेबसाइट पर कार्य मेरी देख रेख में ही किये जाते है. यदि आपको हमारी वेबसाइट के किसी कंटेंट से कोई समस्या है. तो आप मुझे Admin@khabriexpress.in पर मेल कर सकते है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

कृपया इस वेबसाइट का उपयोग करने के लिए आपके ऐड ब्लॉकर को बंद करे