RBI के इस नियम से आम जनता पर सीधा असर, अब बैंक में इतने दिन लेन-देन न करने पर अकाउंट बंद करने के आदेश
नई दिल्ली :- आज के समय में हर किसी के पास बैंक अकाउंट है। सभी के लिए बैंक में अकाउंट होने की वजह अलग-अलग है। सभी अलग-अलग सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए बैंक खाते का यूज कर रहे हैं। कोई बचत के लिहाज से तो कोई व्यापार संबंधित लेनदेन (business related transactions) के लिए बैंक खाते को अपनाते हैं। इसके अलावा एफडी, आरडी समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं।
बंद हो सकता है अकाउंट
इतना ही नहीं, किसी को ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए भी बैंकिंग सुविधा का लाभ (Benefits of banking facility) उठाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप लेनदेन नहीं करते हैं तो आपका बैंक खाता बंद हो सकता है। जी हां, भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार (According to Reserve Bank of India) बैंक खाते से लेनदेन करना है। अगर कोई नहीं करता है तो उसके अकाउंट डीएक्टिव किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कितने दिनों में बैंक अकाउंट से लेनदेन करना जरूरी होता है?
कितने दिनों में Bank Account से लेनदेन जरूरी
अगर बैंक अकाउंट यूजर हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपको 730 दिनों (2 साल) के अंदर लेनदेन करना होगा। अगर 2 साल से ज्यादा हो जाए और किसी तरह का लेनदेन आप अपने बैंक अकाउंट से नहीं करते हैं तो आपका खाता निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
बैंक खाता निष्क्रिय होने पर क्या होता है?
दरअसल, बैंक अकाउंट के डीएक्टिव (bank account inactive) होने पर आप अपने खाते से किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकते हैं। यहां तक कि बैंक खाते में जमा राशि का भी आप इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। बैंक खाते में रकम जमा रहेगी और उस पर नियमित ब्याज भी दिया जाएगा।
कैसे करें बैंक खाता एक्टिव?
डीएक्टिव बैंक अकाउंट को एक्टिव (How to activate inactive bank account) करने के लिए आपको अपने बैंक ब्रांच जाना होगा। यहां जाकर आपको केवाईसी प्रक्रिया को अपनाना होगा। इसके लिए बैंक में केवाईसी फॉर्म को जमा करें। साथ ही दो तस्वीर, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज को जमा करें। अगर ज्वाइंट बैंक अकाउंट है तो इसके लिए दोनों खाताधारकों के लिए KYC documents को बैंक में जमा करना जरूरी है।
आरबीआई का नया नियम
RBI के नियम के अनुसार 2 साल से ज्यादा होने पर अगर बैंक खाते से कोई लेनदेन नहीं होता है, तो आपके खाते को एक्टिव न होने के कारण डीएक्टिव कर दिया जाता है। ऐसे में बैंक जाकर केवाईसी प्रक्रिया (bank account KYC process)को अपनाना जरूरी होता है। इसके लिए आपको किसी तरह का भुगतान नहीं करना होता है। डीएक्टिव खाते में अगर बैलेंस भी नहीं है तो आप पर कोई पेनाल्टी नहीं लगती है।