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Agriculture News: गेहूं की खेती मे सिंचाई के बाद छिड़क दे ये चीज, दो गुना बढ़ जाएगा उत्पादन

नई दिल्ली :- कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी बताया कि दानेदार उर्वरक के परिवहन में अधिक खर्च करना पड़ता है, तो वहीं छिड़काव करने वाले उर्वरक जिनको लाना ले जाना बेहद आसान रहता है. दानेदार उर्वरक का एक बैग 50 किलो का होता है, जबकि छिड़काव करने वाले से तरल उर्वरक का वजन महज 1 किलो होता है. इतना ही नहीं तरल उर्वरक की कीमत भी दानेदार उर्वरक के मुकाबले बेहद कम रहती है. खास बात यह है कि इसका सीधा पत्तियों पर छिड़काव किया जाता है. जिसकी वजह से इसका परिणाम भी अच्छा मिलता है.

गेहूं

गेहूं की अगेती फसल में किसान दूसरी सिंचाई कर रहे हैं. किसानों पहली सिंचाई के बाद नाइट्रोजन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन गेहूं की अगेती फसल में अब दूसरी सिंचाई का समय हो गया है. ऐसे में किसान दूसरी सिंचाई के बाद जब खेत में पर पैर टिकने लगे तब वह तरल एनपीके का छिड़काव कर सकते हैं. किसान एनपीके 18:18:18 का छिड़काव कर सकते हैं. लिक्विड एनपीके को 1 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से 120 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें.

ऐसा करने से तीन से चार दिन बाद गेहूं का पूरा खेत हरा भरा हो जाएगा. गेहूं के पौधों की ग्रोथ भी तेज हो जाएगी. इतना ही नहीं देरी से निकलने वाले कल्ले मजबूत हो जाएंगे.गेहूं की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसान बाली निकलने की अवस्था में 00:00:52 यानि पोटाश का का छिड़काव भी कर सकते हैं. इसका छिड़काव करने से गेहूं के दाने चमकदार, स्वस्थ और वजनदार होंगे. किसान 1 किलो पोटाश को 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं.

Sagar Parmar

हेलो दोस्तों मेरा नाम सागर परमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

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