EMI भरने में मुश्किल, RBI के इस नियम से मिलेगी राहत की सांस
नई दिल्ली :- आजकल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोग होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन जैसी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। लेकिन अगर आपने भी बैंक से लोन लिया है, तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय किए गए नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। ये नियम न केवल आपको डिफॉल्ट से बचाते हैं बल्कि आपकी EMI को भी किफायती बना सकते हैं।
✅ RBI का नियम: समझें लोन से जुड़ी राहत
क्रेडिट स्कोर का निर्धारण CIBIL (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) द्वारा किया जाता है, जो आपके लोन और क्रेडिट कार्ड खर्चों की आदतों को ट्रैक करता है। हालिया रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि असुरक्षित लोन (Unsecured Loans) लेने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है — खासतौर पर पर्सनल लोन की मांग COVID-19 से पहले के स्तर से भी अधिक है।
✅ लोन रीस्ट्रक्चरिंग क्या है?
मान लीजिए आपने ₹10 लाख का लोन लिया है लेकिन उसे चुकाने में कठिनाई हो रही है, तो RBI के नियमों के तहत आप लोन का पुनर्संरचना (Restructuring) करवा सकते हैं। इसमें शुरुआत में ₹5 लाख का भुगतान किया जा सकता है और बाकी राशि को लंबी अवधि में आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है — जिससे आपकी EMI कम हो जाएगी।
✅ इसके लाभ क्या हैं?
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डिफॉल्टर टैग से बचाव: लोन रीस्ट्रक्चर करवाने से आपको लोन डिफॉल्टर नहीं माना जाएगा, जिससे आपकी साख बनी रहेगी।
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सिबिल स्कोर की रक्षा: यदि लोन समय पर चुकता नहीं किया जाता है, तो CIBIL स्कोर गिर सकता है। लेकिन रीस्ट्रक्चरिंग से यह स्थिति बचाई जा सकती है।
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भविष्य में लोन मिलने की संभावना बरकरार: बैंक किसी भी नए लोन से पहले CIBIL स्कोर की जांच करते हैं। यदि स्कोर अच्छा है, तो लोन अप्रूवल की संभावना अधिक रहती है।
✅ ध्यान देने योग्य बातें
यदि आप समय पर EMI नहीं चुका पा रहे हैं, तो बिना देरी किए बैंक से संपर्क करें और लोन रीस्ट्रक्चरिंग के लिए आवेदन करें। यह न केवल आपकी वर्तमान परेशानी को हल करेगा, बल्कि भविष्य में आपके फाइनेंशियल क्रेडिबिलिटी को भी सुरक्षित रखेगा।