हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, अब फ्री राशन लेने वालो पर होगी FIR
चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने फर्जी बीपीएल कार्ड वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार ने एक बार फिर उन परिवारों को मौका दिया है, जो गलत तरीके से या गलती से बीपीएल श्रेणी में शामिल हो गए हैं। नायब सैनी की सरकार ने इन परिवारों को 20 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है, ताकि वे खुद गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल की श्रेणी से बाहर आ जाएं। आपको बता दें कि पिछले 1 महीने में पूरे प्रदेश में 1,609 परिवारों के बीपीएल कार्ड रद्द किए गए हैं, जो इसके लिए पात्र नहीं थे।
दोषी पाए जाने पर दर्ज होगी एफआईआर
सरकार ने उन लोगों को 20 अप्रैल तक का समय दिया है, जो अपात्र होते हुए भी गलत तरीके से बीपीएल कार्ड का लाभ उठा रहे हैं। इसके बाद अगर वे सरकार की कार्रवाई में पकड़े जाते हैं, तो उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 2 साल तक की सजा का भी प्रावधान है।
आपको बता दें कि अगर लोग 20 अप्रैल से पहले खुद को बीपीएल श्रेणी से बाहर कर लेते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं ऐसे लोगों से बीपीएल लाभ की वसूली भी की जाएगी। आपको बता दें कि हाल ही में संपन्न विधानसभा के बजट सत्र में बीपीएल कार्ड का मुद्दा जोर-शोर से उठा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सरकार ने कहा कि तय तिथि के अंदर अपने परिवार की आईडी में नाम सही करवा लें और परिवार पहचान पत्र में अपनी आय सही करवा लें। अगर आप योजना के पात्र नहीं हैं तो खुद को बीपीएल श्रेणी से बाहर करवा लें।
जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से इस संबंध में लोगों को संदेश भी भेजे जा रहे हैं। करीब 52 लाख लोग बीपीएल का लाभ उठा रहे हैं आपको बता दें कि इस समय 51 लाख 92 हजार 380 परिवार बीपीएल श्रेणी में शामिल हैं। लेकिन इनमें से कई परिवार फर्जी तरीके से बीपीएल कार्ड बनवाकर सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं। हाल ही में हुई कार्रवाई में 1,609 परिवारों को बीपीएल श्रेणी से बाहर किया गया। इनमें सबसे ज्यादा 294 परिवार सोनीपत और सबसे कम 3 परिवार पंचकूला के हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पीपीपी कार्ड में कम आय दिखाकर कई परिवारों को फर्जी तरीके से बीपीएल श्रेणी में शामिल किया गया है। वहीं, कुछ लोगों ने कम आय दिखाने के लिए परिवार का फर्जी बंटवारा भी कर लिया है, जबकि वे एक साथ रहते हैं। ऐसे में सरकार ने इन फर्जी गरीबों के खिलाफ कार्रवाई की है।