हरियाणा के इन जिलों में बनाई जाएगी औद्योगिक टाउनशिप, राकेट की रफ़्तार से बढ़ेंगे जमीनो के रेट
चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के 10 ज़िलों में आधुनिक “इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप” विकसित की जाएंगी। इन टाउनशिप्स को प्रमुख एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे विकसित किया जाएगा, जिससे उद्योगों को बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाएं मिल सकें।
🏭 औद्योगिक टाउनशिप से हरियाणा में आएगा बड़ा बदलाव
राज्य के उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह ने बताया कि ये टाउनशिप मुख्य रूप से दिल्ली-कटरा, नारनौल-अंबाला और डबवाली-पानीपत जैसे प्रमुख कॉरिडोर के किनारे विकसित की जाएंगी। इससे न केवल उत्पादन क्षमताएं बढ़ेंगी, बल्कि लॉजिस्टिक्स, सप्लाई चेन और निवेश ढांचे को भी मजबूती मिलेगी।
📍 इन ज़िलों में बनेंगी टाउनशिप्स
सरकार द्वारा जिन ज़िलों का चयन किया गया है, वे रणनीतिक रूप से प्रमुख स्थानों पर स्थित हैं:
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गुरुग्राम
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हिसार (एयरपोर्ट के पास)
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सिरसा
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ग्रेटर फरीदाबाद (जेवर एयरपोर्ट के नजदीक)
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भिवानी
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नारनौल
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जींद
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कैथल
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अंबाला
इन क्षेत्रों में पहले से मौजूद मजबूत ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और औद्योगिक आधारभूत संरचना इसे आदर्श बनाते हैं।
🛣️ प्रमुख मार्गों के किनारे औद्योगिक क्लस्टर
सरकार का फोकस एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने पर है, ताकि निवेशकों को आसानी से संसाधन, कच्चा माल और मार्केट एक्सेस मिल सके।
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दिल्ली-कटरा कॉरिडोर:
इस मार्ग पर खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल और वस्त्र उद्योग को प्राथमिकता दी जाएगी। -
नारनौल-अंबाला मार्ग:
छोटे और मझोले उद्योगों (SMEs) के लिए यह क्षेत्र व्यापार के लिहाज़ से अहम है। -
डबवाली-पानीपत कॉरिडोर:
यहां पेट्रोकेमिकल, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स को विकसित किया जाएगा।
🏙️ गुरुग्राम और फरीदाबाद होंगे टेक्नोलॉजी हब
हरियाणा सरकार गुरुग्राम और फरीदाबाद को तकनीकी और औद्योगिक दृष्टि से और सशक्त बनाने की दिशा में भी काम कर रही है। यहां आधुनिक स्मार्ट सिटी मॉडल, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और ऑटोमोबाइल क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे।
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गुरुग्राम: ऑटो सेक्टर को और मज़बूत किया जाएगा
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फरीदाबाद: भारी मशीनरी और इंजीनियरिंग सेक्टर को प्राथमिकता दी जाएगी
👷♂️ रोजगार और युवाओं के लिए नए अवसर
इस योजना से प्रदेश में लाखों नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। उत्पादन इकाइयों, फैक्ट्रियों और इंडस्ट्रियल पार्कों की स्थापना से स्थानीय श्रमिकों, तकनीकी युवाओं और कुशल कामगारों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री का कहना है कि इस पहल से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि युवाओं के लिए नए करियर विकल्प भी खुलेंगे। सरकार का लक्ष्य स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देना है।
🤝 निजी निवेश और नीति आयोग से सहयोग
इस मेगा प्रोजेक्ट में निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) ने भी इसमें निवेश में रुचि दिखाई है।
सरकार और नीति आयोग के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें ज़मीन चयन, सेक्टर की ज़रूरतें और निवेश प्रक्रिया को लेकर रूपरेखा तय की गई है। साथ ही, निवेशकों की सुविधा के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को भी अधिक सशक्त बनाया जा रहा है।