पशुओं को मच्छरों से बचाना हुआ आसान, बस इतना सा पाउडर घोलिए पानी में
नई दिल्ली :- बरसात का मौसम अपने साथ सिर्फ ठंडक और हरियाली नहीं लाता, बल्कि कई परेशानियां भी साथ लाता है। इस मौसम में कीड़े-मकोड़े, सांप और सबसे ज्यादा मक्खी-मच्छरों की भरमार हो जाती है। गांवों में जहां पशुपालन आम बात है, वहीं बारिश के इन दिनों में किसान खासा परेशान रहते हैं – क्योंकि मच्छर और मक्खियां उनके पशुओं को दिन-रात सताते हैं। इन उड़ने वाले कीड़ों की वजह से न सिर्फ पशु बेचैन रहते हैं, बल्कि दूध उत्पादन में भी भारी गिरावट आ जाती है। यानी इसका सीधा असर किसान की जेब पर पड़ता है। कुछ लोग कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ मच्छरदानी लगाकर पशुओं को बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन कई बार ये उपाय भी कारगर नहीं साबित होते।
जब देसी उपाय बना किसानों की मददगार
शाहजहांपुर जिले के एक पशुपालक रनजोध सिंह की कहानी आज कई किसानों के लिए प्रेरणा बन गई है। रनजोध पहले कीटनाशक का इस्तेमाल करते थे ताकि मच्छर-मक्खी से अपने मवेशियों को बचा सकें। लेकिन धीरे-धीरे उन्हें समझ आया कि इससे उनके पशुओं की त्वचा पर जलन और एलर्जी होने लगी थी। उन्होंने फिर मच्छरदानी का सहारा लिया, लेकिन ये भी ज्यादा दिनों तक काम नहीं आई। अंत में उन्होंने एक ऐसा देसी तरीका अपनाया जो आसान भी है और बेहद असरदार भी – और वो है डिटर्जेंट से मच्छर भगाना।
डिटर्जेंट से करें छिड़काव, मक्खी-मच्छर होंगे गायब
घर में कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला डिटर्जेंट बरसात के दिनों में आपके पशुओं का सबसे बड़ा रक्षक बन सकता है। इसमें हल्के कीटनाशक गुण पाए जाते हैं जो मक्खी और मच्छरों को दूर रखने में मदद करते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल?
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एक बाल्टी (10 लीटर) पानी में 2 चम्मच डिटर्जेंट डालकर अच्छे से मिला लें।
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इस घोल को स्प्रे बोतल या झाड़ी से पशुशाला में शाम के वक्त छिड़कें।
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खासकर जहां मक्खी-मच्छर मंडराते हैं, उन जगहों पर ज़रूर छिड़काव करें।
पैरों पर छिड़काव है सबसे असरदार
रनजोध सिंह बताते हैं कि मच्छर और मक्खियां सबसे पहले पशुओं के पैरों पर बैठते हैं। वहां से वे धीरे-धीरे शरीर पर चढ़ जाते हैं। इसलिए वे शाम को सूरज ढलते ही सबसे पहले अपने मवेशियों के पैरों पर डिटर्जेंट का हल्का छिड़काव कर देते हैं। इसका फायदा यह होता है कि मक्खी और मच्छर पास भी नहीं फटकते और पशु आराम से बैठ या लेट पाते हैं। न ही कोई जलन होती है, न ही किसी तरह की त्वचा की परेशानी। बल्कि पशु चैन की नींद लेते हैं, और उनका दूध उत्पादन भी सामान्य बना रहता है।
क्यों यह तरीका सबसे बेहतर है?
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सस्ता है – किसी महंगे कीटनाशक की जरूरत नहीं।
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सुरक्षित है – पशुओं को कोई नुकसान नहीं होता।
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असरदार है – मक्खी और मच्छर तुरंत भागते हैं या मर जाते हैं।
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बार-बार किया जा सकता है – बिना किसी साइड इफेक्ट के।