हरियाणा के इस जिले को नवरात्री गिफ्ट, लगेगा 800 मेगावाट बिजली उत्पादन प्लांट
चंडीगढ़ :- हरियाणा में यमुनानगर जिले को एक बड़ी सौगात मिलने वाली हैं। यहां के दीनबंधु सर छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। हालांकि, 300-300 मेगावाट की 3 इकाइयां पहले से चल रही हैं। 14 अप्रैल को 800 मेगावाट की तीसरी नई यूनिट के शिलान्यास को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरू हो गई हैं। DC पार्थ गुप्ता थर्मल प्लांट का दौरा भी कर गए। हरियाणा में झज्जर के बाद यमुनानगर बिजली उत्पादन करने वाला दूसरा जिला बन जाएगा। हालांकि पानीपत व हिसार में नई इकाइयां स्थापित करने की योजना है, लेकिन वह अभी प्रक्रिया में हैं। PM नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल थर्मल पावर प्लांट की नई यूनिट का शिलान्यास करने आ सकते हैं। इसकी अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
हरियाणा में उनके दौरे को लेकर 14 अप्रैल की छुट्टी भी रद कर दी गई हैं। BJP पदाधिकारियों की बैठकें शुरू हो गई हैं।
हिसार में 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां
आपको बता दें कि हरियाणा में दीनबंधु सर छोटू राम थर्मल पावर प्लांट के अलावा कोयला आधारित तीन और थर्मल पावर प्लांट हैं। पानीपत में यहां दो इकाइयां 250-250 व तीसरी इकाई 210 मेगावाट की है। हिसार में 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां हैं। झज्जर में 500-500 मेगावाट की तीन यूनिट हैं। यमुनानगर में अब 800 मेगावाट की नई इकाई लगने के बाद उत्पादन 1400 मेगावाट हो जाएगा, क्योंकि 300-300 मेगावाट की दो इकाइयों से बिजली उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा जिले में करीब 40 मेगावाट पन बिजली इकाइयों से उत्पादन हो रहा है। प्रस्तावित परियोजनाओं की बात की जाए तो 800-800 मेगावाट की दो यूनिटें पानीपत व 800 की एक यूनिट हिसार में लगाए जाने की योजना है। यह अभी प्रक्रिया में है।
मेक इन इंडिया की तर्ज पर होगी यूनिट
नई यूनिट मेक इन इंडिया की तर्ज पर होगी। प्लांट पूर्णरूप से स्वदेशी होगा। फिलहाल प्लांट में 300-300 मेगावाट की दो इकाइयां लगी हुई है। सरकार ने जून 2024 में 800 मेगावाट की नई यूनिट के निर्माण का कार्य शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। चुनाव की वजह से आचार संहिता लगने व एन्वायरनमेंट क्लीयरेंस न मिलने की वजह से काम अधर में ही लटक गया था। इस पर करीब छह हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि 600 मेगावाट के प्लांट पर 2400 करोड़ रुपये की लागत आई थी।
प्लांट के बारे में जानिए
दीनबंधु थर्मल पावर प्लांट की आधारशिला तत्कालीन PM पीवी नरसिम्हा राव ने मार्च-1993 में फरीदाबाद से रिमोट कंट्रोल के माध्यम से रखी थी। वर्ष 2005 में तत्कालीन CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस परियोजना को मंजूरी दी। 2005-2008 में इसे विकसित किया गया। इससे पहले वर्ष-2004 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास किया था, लेकिन इस दौरान परियोजना कागजों में रही।
युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के रास्ते
तीसरी यूनिट के निर्माण का टेंडर भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के पास है। यह हरियाणा की पहली अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल प्रौद्योगिकी आधारित बिजली परियोजना होगी। यूनिट स्थापित होने के बाद न केवल अतिरिक्त बिजली उत्पादन होगा बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे। यहां 600 मेगावाट की दो इकाइयां पहले से ही स्थापित हैं। 800 मेगावाट की नई इकाई के लिए अतिरिक्त जमीन खरीदने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि प्लांट के पास पहले ही काफी जमीन है।