RBI ने बैंक खाते को लेकर जारी किया नया नियम, अब इतने दिन लेनदेन नहीं करने पर बंद हो जाएगा खाता
नई दिल्ली :- आज के समय में कई लोग अपने पैसों को मैनेज करने के लिए एक से ज्यादा बैंक खाते खोलते हैं। कुछ खाते बचत के लिए, कुछ रोज़मर्रा के खर्चों के लिए और कुछ सिर्फ डिजिटल लेनदेन के लिए रखे जाते हैं। लेकिन इन्हीं में से कई बार कुछ खाते लंबे समय तक बिना इस्तेमाल के पड़े रहते हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है – क्या बैंक ऐसे खातों को बंद कर देता है?
आरबीआई की गाइडलाइन्स क्या कहती हैं?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक, यदि किसी खाते में लगातार दो साल तक कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं होता, तो वह खाता निष्क्रिय (Dormant) की श्रेणी में डाल दिया जाता है। यह नियम सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट या रेकरिंग डिपॉजिट – सभी पर लागू होता है।
निष्क्रिय खाता – बंद नहीं, पर सीमित
अगर आपका खाता निष्क्रिय घोषित हो गया है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह खाता बंद कर दिया गया है। आपके पैसे पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं और बैंक उस पर ब्याज भी देता रहता है। हां, इतना जरूर है कि खाते से पैसे निकालने, ट्रांसफर करने या जमा करने जैसी सुविधाएं तब तक रोक दी जाती हैं जब तक खाता फिर से सक्रिय न हो जाए।
चार्जेस या जुर्माना नहीं
निष्क्रिय खाते पर कोई रखरखाव शुल्क या मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं लगाया जाता, जब तक कि ग्राहक द्वारा खाता दोबारा चालू न कराया जाए। यानी बेवजह का अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाता।
कैसे करें निष्क्रिय खाता एक्टिवेट?
यदि आपका खाता निष्क्रिय हो गया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप निम्न तरीकों से उसे फिर से सक्रिय कर सकते हैं:
-
ब्रांच में जाकर पहचान पत्र दिखाकर रिक्वेस्ट डालें
-
नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग से कोई लेन-देन करें (यदि बैंक की नीति इसकी अनुमति देती हो)
-
खाते में एक छोटा सा क्रेडिट या डेबिट ट्रांजैक्शन करें