नई दिल्ली

जल्द 2800 करोड़ रुपये की लागत से चलेंगी 35 हाइड्रोजन ट्रेन, इस प्रकार आम रेलगाड़ियों से है होती है अलग

नई दिल्ली :- देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का जल्‍द ही ट्रायल रन होगा.  यह पर्यावरण के अनुकूल ट्रेन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में बनाई गई है. 89 किलोमीटर के इस रूट पर आज से इसका ट्रायल शुरू हो रहा है. यह ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है. 1200 हॉर्सपावर की क्षमता वाली यह ट्रेन एक बार में 2638 यात्रियों को ले जा सकेगी.

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रेल मंत्रालय ने हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित ट्रेनों के निर्माण के लिए 2800 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसके तहत 35 ऐसी ट्रेनें तैयार की जा रही हैं. 8 कोच वाली यह ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली यह हाइड्रोजन ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेनों में शामिल होगी. हरित प्रौद्योगिकी पर आधारित यह पहल कार्बन उत्सर्जन को कम करने और शून्य कार्बन लक्ष्य की ओर बढ़ने में अहम भूमिका निभाएगी. ट्रायल के दौरान ट्रेन की तकनीकी क्षमता और सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन किया जाएगा. सफल परीक्षण के बाद इसे नियमित संचालन में लाने की योजना है.

35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने का लक्ष्‍य

भारतीय रेलवे अपने विशेष प्रोजेक्ट ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ के तहत हेरिटेज और पहाड़ी मार्गों पर 35 हाइड्रोजन ट्रेनें संचालित करने की तैयारी कर रहा है. इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए चालू वर्ष के बजट में 2800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, हेरिटेज रूट पर हाइड्रोजन से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 600 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं. चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा निर्मित यह ट्रेन स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में भारतीय रेलवे का महत्वपूर्ण कदम है. रेलवे का लक्ष्य स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देते हुए देश के हेरिटेज रूट्स को नई पहचान देना है.

भारतीय रेलवे के इस अभिनव प्रोजेक्ट को हरित परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. हाइड्रोजन से संचालित यह ट्रेन शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को समर्थन देती है. ट्रायल के दौरान ट्रेन की कार्यक्षमता, सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं की जांच की जाएगी. सफल परीक्षण के बाद इसे नियमित संचालन में लाने की योजना है.

कैसे है यह और ट्रेनों से अलग

हाइड्रोजन ट्रेन, अन्य ट्रेनों से इस मायने में अलग है कि यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है. इसमें एक नया ईंधन स्रोत (हाइड्रोजन) और तकनीक (ईंधन सेल) का उपयोग किया जाता है. यह पर्यावरण के अनुकूल है. हाइड्रोजन ट्रेन में एक हाइड्रोजन ईंधन सेल होता है, जो हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन के रासायनिक प्रतिक्रिया से बिजली पैदा करता है. इस प्रक्रिया में केवल पानी (H₂O) और ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो इसे पर्यावरण के लिए बहुत ही साफ और प्रदूषण-मुक्त बनाती है.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

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