आम जनता के लिए आई बुरी खबर, अब पेट्रोल पंप पर नहीं कर सकेंगे UPI पेमेंट
नई दिल्ली :- देश में डिजिटल लेन-देन ने जहां आम जनता की ज़िंदगी को आसान बनाया है, वहीं इसके साथ बढ़ते साइबर अपराध अब चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। इसी के चलते महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के पेट्रोल पंप मालिकों ने आज से यूपीआई, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल माध्यमों से पेमेंट लेने से इनकार कर दिया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि हैकिंग और फ्रॉड ट्रांजेक्शन के कारण उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। ठग किसी के कार्ड या बैंक खाते से धोखे से भुगतान कर देते हैं और बाद में शिकायत करके उस ट्रांजेक्शन को विवादित करवा देते हैं। इस स्थिति में बैंक ट्रांजेक्शन को रिवर्स कर देता है और भुगतान रद्द हो जाता है। इससे पेट्रोल पंप मालिकों को न केवल नुकसान होता है, बल्कि उनके खाते भी अस्थायी रूप से फ्रीज कर दिए जाते हैं।
संगठन क्या कह रहे हैं?
विदर्भ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन, नासिक पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल महाराष्ट्र पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने इस मसले पर सरकार और बैंकों से सुरक्षा उपाय लागू करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिलता, कैश पेमेंट को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
नासिक संघ के अध्यक्ष विजय ठाकरे ने बताया कि पहले इन फ्रॉड की संख्या कम थी, इसलिए ध्यान नहीं दिया जाता था। लेकिन अब ये मामले बढ़ते जा रहे हैं और लाखों रुपये के नुकसान सामने आ चुके हैं।
आगे क्या हो सकता है?
अमित गुप्ता, जो कि ऑल महाराष्ट्र पेट्रोलियम डीलर्स फेडरेशन के प्रमुख हैं, उन्होंने बताया कि यह निर्णय तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार और संबंधित एजेंसियां कोई सुरक्षित डिजिटल भुगतान तंत्र विकसित नहीं करतीं।
इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है। यदि यह मॉडल महाराष्ट्र से आगे बढ़कर अन्य राज्यों तक फैलता है, तो यह डिजिटल इंडिया अभियान के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।