नई दिल्ली

Toll Tax News: अब नेशनल हाईवे पर सफर होगा सस्ता, टोल टैक्स में 50% तक की कटौती

नई दिल्ली :- अगर आप अक्सर नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं और हर बार भारी टोल टैक्स देने से परेशान रहते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। खासकर उन हिस्सों पर जहां पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड जैसी संरचनाएं बनी हुई हैं, वहां टोल शुल्क में 50% तक की कमी की गई है। यह बदलाव 2 जुलाई 2025 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई अधिसूचना के बाद से लागू हुआ है।

Toll

किन क्षेत्रों में हुआ बदलाव?

जो भी नेशनल हाईवे पर फ्लाईओवर, ब्रिज, अंडरपास, सुरंग या ऊंची सड़कें (Elevated Roads) मौजूद हैं, उन हिस्सों पर अब यात्रियों को पहले के मुकाबले आधा टोल देना होगा। सरकार ने टोल टैक्स की गणना करने का नया फॉर्मूला लागू किया है जो पुराने 2008 के टोल नियमों की जगह लेगा।

टोल शुल्क की नई गणना कैसे होगी?

मंत्रालय ने साफ किया है कि अब टोल टैक्स की गणना दो विकल्पों में से कम वाले आधार पर की जाएगी:

  1. संरचना (Structure) की लंबाई को 10 गुना करके जोड़ी जाएगी।

  2. पूरे हाइवे खंड की लंबाई को 5 गुना करके जोड़ा जाएगा।

इनमें से जो भी कम लंबाई होगी, उसी के आधार पर टोल वसूला जाएगा।

उदाहरण से समझें टोल में कटौती

मान लीजिए कि किसी हाईवे पर 40 किलोमीटर लंबा ब्रिज या एलिवेटेड रोड है:

  • पहला फॉर्मूला: 40 x 10 = 400 किमी

  • दूसरा फॉर्मूला: 40 x 5 = 200 किमी

अब टोल गणना कम दूरी (200 किमी) के आधार पर होगी। पहले की तुलना में 50% कम टोल शुल्क देना होगा।

पहले क्या नियम था?

पहले के नियमों के अनुसार:

  • अगर हाईवे पर किसी संरचना की लंबाई 1 किलोमीटर थी, तो उसके लिए 10 किलोमीटर के बराबर टोल लिया जाता था।

  • यानी जितनी ज्यादा संरचना, उतना ज्यादा टोल।

इसका उद्देश्य था कि निर्माण की लागत जल्द वसूल की जा सके। लेकिन इससे यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था। अब सरकार ने इसे जमीनी हकीकत और जनता की सहूलियत के अनुसार बदल दिया है।

NHAI का क्या कहना है?

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों का कहना है कि पुराना नियम काफी पुराना हो गया था और यह आज की परिस्थिति के अनुसार उपयुक्त नहीं था। अब फ्लाईओवर, सुरंग, अंडरपास जैसे हिस्सों पर निर्माण की लागत का भार जनता पर ज्यादा नहीं डाला जाएगा।

आम जनता को क्या फायदा?

  • टोल में सीधी 50% तक की छूट का लाभ मिलेगा।

  • लंबी दूरी की यात्रा पर सैकड़ों रुपये की बचत हो सकती है।

  • ट्रक, बस, टैक्सी जैसे व्यवसायिक वाहनों को सबसे ज्यादा फायदा।

  • यह फैसला ईंधन खर्च, टोल खर्च और ट्रैवल टाइम तीनों को बेहतर बनाएगा।

किन संरचनाओं पर लागू होगा नया नियम?

  1. फ्लाईओवर (Flyovers)

  2. ब्रिज (Bridges)

  3. टनल (Tunnels)

  4. एलिवेटेड रोड (Elevated Roads)

  5. अंडरपास (Underpasses)

इन सभी को अब ‘संरचना (Structure)’ की श्रेणी में रखा गया है, जिन पर टोल की गणना नए फॉर्मूले से होगी।

कार मालिकों से लेकर ट्रक ऑपरेटर तक सभी को राहत

छोटी गाड़ियों से लेकर भारी मालवाहक ट्रकों तक, हर वाहन मालिक को इसका लाभ मिलेगा। इससे:

  • लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री की लागत घटेगी।

  • माल ढुलाई सस्ती होगी।

  • परिवहन व्यवसाय को गति मिलेगी।

  • यात्री वाहन कंपनियों के लिए ईंधन और टोल खर्च में बचत होगी।

कितने टोल प्लाजा होंगे प्रभावित?

सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक, पूरे देश में 200 से अधिक ऐसे नेशनल हाईवे सेक्शन हैं जिनमें बड़ी संख्या में संरचनाएं शामिल हैं। इन पर टोल कटौती का सीधा असर पड़ेगा। यह संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि नई सड़कें और सुरंगें बनती जा रही हैं।

क्या इससे सरकार को नुकसान होगा?

नहीं। सरकार का मानना है कि:

  • कम टोल होने से वाहनों की संख्या बढ़ेगी।

  • इससे कुल वसूली में दीर्घकालिक वृद्धि होगी।

  • साथ ही जनता को राहत भी मिलेगी और आर्थिक गतिविधियां तेज़ होंगी।

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

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