हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान: 1.20 लाख कर्मचारियों को मिलेगा शानदार फायदा, जानें क्या हैं नए नियम
चंडीगढ़ :- हरियाणा में लंबे समय से रोजगार की तलाश में भटक रहे युवाओं के लिए अब राहत की बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL), अब युवाओं की उम्मीदों को नई उड़ान देने जा रहा है। इस पोर्टल के माध्यम से सरकार युवाओं को आउटसोर्सिंग पदों पर पारदर्शी और मेरिट बेस्ड नियुक्तियां प्रदान कर रही है।
HKRNL का उद्देश्य है कि सभी सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में अस्थायी पदों की भर्ती एक ही प्लेटफॉर्म से की जाए, जिससे न सिर्फ भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी हो, बल्कि योग्य बेरोजगारों को समय पर नौकरियां भी मिलें।
क्या है HKRNL की खास बात?
यह पोर्टल उम्मीदवारों का चयन उनके कौशल, योग्यता और अनुभव के आधार पर करता है। इससे भाई-भतीजावाद, सिफारिश और घूसखोरी जैसी समस्याओं पर लगाम लगाई जा सकी है। इसके अंतर्गत चयनित कर्मचारियों को संबंधित विभाग के अधीन सीधे काम करने का मौका मिलता है और उनकी सैलरी भी सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
अब अस्थायी कर्मचारियों को भी मिलेगा स्थाई नौकरी जैसा सुरक्षा कवच
HKRNL से जुड़ी सबसे बड़ी खबर यह है कि हरियाणा सरकार अब 1.20 लाख से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देने जा रही है। इसके लिए एक विशेष समिति द्वारा नियमों का मसौदा तैयार किया गया है जिसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भेजा गया है। जैसे ही मुख्यमंत्री की मुहर लगती है, ये नियम आधिकारिक रूप से लागू हो जाएंगे।
इन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
नए नियमों के तहत अब उन कर्मचारियों को भी नौकरी की सुरक्षा दी जाएगी जिनकी नियुक्ति Outsourcing Policy Part-1 के तहत हुई थी और जिन्हें पहले HKRNL पोर्टल में शामिल नहीं किया गया था। अब Policy Part-1, Part-2 और HKRNL के तहत नियुक्त सभी कर्मचारी इस दायरे में आएंगे।
5 साल की सेवा और 50,000 से कम वेतन वाले होंगे पात्र
सरकार के प्रस्तावित नियमों के अनुसार, जिन कर्मचारियों ने 15 अगस्त 2024 तक कम से कम 5 साल की सेवा पूरी कर ली है और जिनका मासिक वेतन ₹50,000 से कम है, उन्हें स्थायित्व का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री स्वयं कई बार इस बात को सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि सरकार सभी अस्थायी कर्मचारियों को सुरक्षित भविष्य देना चाहती है।
सर्विस ब्रेक पर भी अब राहत की सांस
नए नियमों में एक और बड़ा बदलाव किया गया है — यदि किसी कर्मचारी की सेवा के बीच ब्रेक आता है, तब भी उसे नौकरी की सुरक्षा मिल सकती है, बशर्ते वह कुछ शर्तें पूरी करता हो। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी ने 3 साल तक विभाग में काम किया और हर साल 240 दिन का वेतन पाया, लेकिन चौथे साल में ऐसा नहीं हो पाया, फिर अगले 2 साल उसने फिर 240 दिन काम किया — तो यह सेवा निरंतर मानी जाएगी।
इससे अब अस्थायी कर्मचारियों को सर्विस ब्रेक के डर से नौकरी खोने की चिंता नहीं सताएगी।